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बिहार में आज से शुरू होगा जल-जीवन- हरियाली मिशन, बुजुर्ग करेंगे निगरानी, पंचायत तक होगा लाइव

पटना : जल -जीवन-हरियाली मिशन शनिवार से आरंभ हो रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया है. कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भवन में किया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि योजना का शुभारंभ सीएम […]

पटना : जल -जीवन-हरियाली मिशन शनिवार से आरंभ हो रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया है. कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भवन में किया जायेगा.
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि योजना का शुभारंभ सीएम की ओर से करने के साथ ही सभी जिलों, प्रखंडों व पंचायत स्तर पर कम से एक योजना की शुरुआत की जायेगी. सबसे बड़ी बात है कि पंचायत तक कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए उस पंचायत के सबसे बुजुर्ग पुरुष व महिला को होना आवश्यक रखा गया है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि सभी जिलों में प्रभारी मंत्री कार्यक्रम का उद्घाटन किया जायेगा.
दो घंटे लाइव होगा कार्यक्रम : इस योजना का शुभारंभ करने के साथ सभी जिला, प्रखंड व पंचायत में वेब कास्टिंग की जायेगी. इसके अलावा कई टीवी चैनल भी कार्यक्रम का लाइव करेंगे. विभाग के सचिव ने बताया कि दिन के 11 बजे से लेकर एक बजे तक दो घंटे का कार्यक्रम रखा गया है. इसके अलावा जिला से लेकर पंचायत तक को निर्देश दिया गया है कि योजना का शुभारंभ स्थल उसी जगह रखा जाये, जहां किसी- ना- किसी योजना का काम होना है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे मिशन की शुरुआत
12 विभाग तीन वर्षों में पूरी करेंगे योजना : जल-जीवन-हरियाली मिशन में नौ क्षेत्रों में काम होंगे. सरकार के 12 विभागों को तीन साल में योजना पूरा करना होगा. तीन साल के दौरान नौ क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने को 24 हजार 524 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसमें 2019-20 में पांच हजार 870 करोड़, 2020-21 में नौ हजार 874 और वर्ष 2021-22 में आठ हजार 780 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है.
इन कार्यों को तीन
वर्षों में इतनी संख्या में करायेंगे ये विभाग: – तालाब, आहर, पइन, पोखर का जीर्णोद्धार (62 हजार 412 का होगा निर्माण)
ग्रामीण विकास विभाग 30 हजार, लघु जल संसाधन विभाग 31 हजार 462 तथा नगर विकास एवं आवास विभाग को 950 का जीर्णोद्धार कराना है.
सार्वजनिक कुआें का जीर्णोद्धार (81 हजार 201 का) : नगर विकास विभाग छह हजार 201 और पीएचइडी 75 हजार को फिर से करेंगे जीवित.
कुआं, चापाकल, नलकूप के किनारे सोख्ता या जल रिचार्ज का निर्माण (तीन लाख 14 हजार 960) : ग्रामीण विकास विभाग को दो लाख 50 हजार, लघु जल संसाधन विभाग को 10 हजार और नगर विकास विभाग 54 हजार 960 की संख्या में करायेंगे निर्माण.
छोटी नदियों,नालों के अलावापहाड़ी क्षेत्रों में जल संग्रह के लिएचेकडैम एवं अन्य संरचनाओं का निर्माण
(65 हजार 697 का निर्माण)
ग्रामीण विकास विभाग 15 हजार, लघु जल संसाधन 697 और पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 50 हजार का निर्माण करायेंगे.
नये जलस्रोत का सृजन कुल (32 हजार 139 का निर्माण)
ग्रामीण विकास विभाग 30 हजार, जल संसाधन विभाग एक प्रोजेक्ट और पशुपालन विभाग दो हजार 139 का निर्माण करायेगा.
रेन वॉटर हर्वेस्टिंग (एक लाख चार हजार 922 का निर्माण)
ग्रामीण विकास
विभाग को 25 हजार,भवन निर्माण विभाग सात हजार 922 ,शिक्षा विभाग 70 हजार और स्वास्थ्य विभाग दो हजार.
पौधारोपण (सात करोड़ 70 लाख पौधे)
ग्रामीण विकास विभाग एक करोड़ 70 लाख और पर्यावरण विभाग छह करोड़ पौधे लगायेंगे.
वैकल्पिक फसल, ड्रिप सिंचाई, जैविक खेती कृषि विभाग(30 हजार एकड़
खेतों में जल संरक्षण से फसल, बागवानी,वानिकी विकास), 60 हजार एकड़ में जैविक खेती शुरू कराने की योजना, 43 हजार 245 हेक्टेयर खेतों में ड्रिप सिंचाई से पटवन की व्यवस्था होगी.
सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन
– सरकारी भवनों पर तीन साल के दौरान 60 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य.
-इसी तरह निजी भवनों से तीन साल के दौरान 60 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य.

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