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गांधी घाट पार कर सड़क तक पहुंचा गंगा का पानी, लोगों के प्रवेश पर लगी रोक, दूसरे घाटों पर भी अलर्ट

पटना : गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने का सिलसिला अगर इसी तरह कायम रहा तो शहर में भी पानी घुस सकता है. रविवार को गांधी घाट पार कर गंगा का पानी सड़क तक पहुंच गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा कर घाट के अंदर आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी […]

पटना : गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने का सिलसिला अगर इसी तरह कायम रहा तो शहर में भी पानी घुस सकता है. रविवार को गांधी घाट पार कर गंगा का पानी सड़क तक पहुंच गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा कर घाट के अंदर आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. इस जगह पर मजिस्ट्रेट और पुलिस की तैनाती भी कर दी गयी है. इसकी वजह से रविवार की शाम गंगा घाट पर भ्रमण करने पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा. प्रशासन ने जल स्तर घटने तक गांधी घाट पर पूजा-पाठ सहित अन्य कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी है.
रेस्तरां व गंगा आरती भी बंद, दूसरे घाटों पर भी अलर्ट
पर्यटन विकास निगम ने भी गांधी घाट पर रेस्तरां और गंगा आरती को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही दूसरे घाटों पर भी बालू भरी बोरियां (सैंड बैग) तैयार रखी गयी हैं, ताकि आपात स्थिति में उनका इस्तेमाल किया जा सके.
आज पटना में स्थिर रहेगा गंगा का पानी, अन्य जगहों पर बढ़ेगा
पटना : पटना सहित कई जगहों पर गंगा नदी का जल स्तर रविवार को स्थिर रहा, जबकि कोसी सहित अन्य नदियों का पानी घटने लगा है. इसके बावजूद निचले इलाकों में बाढ़ का असर बरकरार है.
भागलपुर-कहलगांव के बीच आवागमन ठप है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी का जल स्तर रविवार सुबह पटना के दीघा घाट पर खतरे के निशान से 45 सेंमी व गांधी घाट पर 115 सेंमी ऊपर था. इसमें सोमवार को परिवर्तन की संभावना नहीं है.
वहीं बक्सर में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 57 सेंमी ऊपर था. इसमें सोमवार को बढ़ोतरी की संभावना है. वहीं, हाथीदह में जल स्तर 89 सेंमी ऊपर था, इसमें एक सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. मुंगेर में चार सेंमी ऊपर था, इसमें 16 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है. भागलपुर में 16 सेंमी ऊपर था, इसमें 21 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है. कहलगांव में 67 सेंमी ऊपर था, इसमें 22 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है. साहिबगंज में जल स्तर खतरे के निशान से 83 सेंमी ऊपर था, इसमें 17 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है.
वहीं बूढ़ी गंडक का जल स्तर खगड़िया में खतरे के निशान से 114 सेंमी ऊपर था, इसमें 29 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है. कमला बलान नदी का जल स्तर झंझारपुर में 10 सेंमी नीचे था, इसमें 60 सेंमी बढ़ोतरी हो सकती है. कोसी नदी कुरसेला में 93 सेंमी ऊपर थी, उसके जल स्तर 19 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है.
पांच दर्जन पंचायतों के हजारों लोग हुए बेघर
गंगा, कोसी और सहायक नदियों की बाढ़ से करीब पांच दर्जन पंचायतों के हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. भागलपुर शहर से सटे दियारा इलाके की 30 हजार से अधिक आबादी शहर स्थित विभिन्न शिविरों व परिचितों के घरों में शरण ले चुकी है. तिलकामांझी भागलपुर विवि व इंजीनियरिंग कॉलेज भी बाढ़ की चपेट में आ गया है.
शहर स्थित सीटीएस, टिल्हा कोठी, इवनिंग कॉलेज, टीएनबी कॉलेजिएट व हवाई अड्डे पर बाढ़ पीड़ित शरण लिये हैं. मसाढ़ू स्थित पुल के ह्यूम पाइप के किनारे से सारी मिट्टी बहने व तेज धार चलने से भागलपुर-कहलगांव का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया था. लखीसराय के रसुलपुर में घरों में पानी घुस रहा है. सुल्तानगंज प्रखंड की आठ पंचायत के तीन दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से ग्रस्त हैं. बाढ़ पीड़ितों ने राहत सामग्री व शौचालय, पानी की व्यवस्था की मांग को लेकर कई जगह प्रदर्शन किया.
नवगछिया अनुमंडल में कोसी का बाढ़
भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल में कोसी की बाढ़ से हजारों लोग पीड़ित हुए हैं. सुकटिया बाजार के निचले हिस्से में भी पानी प्रवेश कर गया है. गंगा की बाढ़ से तिनटंगा दियारा के दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. नवगछिया के रंगरा चौक प्रखंड के कोसी तटीय गांव मदरौनी में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में फंस गये हैं.

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