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गंगा में बढ़ोतरी जारी, बागमती, बूढ़ी गंडक व घाघरा खतरे के निशान से ऊपर, सीएम ने किया हवाई सर्वे
नदियों में आये उफान का लिया जायजा पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में हुई वृद्धि को देखते हुए बक्सर से भागलपुर तक हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण के लिए पहले पटना से आरा होते हुए बक्सर पहुंचे और वहां उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का […]
नदियों में आये उफान का लिया जायजा
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में हुई वृद्धि को देखते हुए बक्सर से भागलपुर तक हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण के लिए पहले पटना से आरा होते हुए बक्सर पहुंचे और वहां उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. इसके बाद पटना से बख्तियारपुर होते हुए मोकामा के टाल क्षेत्र का हवाई जायजा लिया और वहां गंगा नदी के जल स्तर में हुई वृद्धि और इससे उपजे हालात का सूक्ष्मता से मुआयना किया. हवाई सर्वेक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री मुंगेर होते हुए भागलपुर और विक्रमशिला सेतु तक पहुंचे और उसके आसपास के क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया.
मुख्यमंत्री ने भागलपुर से पटना लौटने के क्रम में बेगूसराय, समस्तीपुर और वैशाली में भी गंगा और गंडक नदियों के जल स्तर में हुई वृद्धि का हवाई सर्वेक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को आपदा से संबंधित सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण रखने और स्थिति पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिये. हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव कुमार हंस उपस्थित थे.
गंगा में बढ़ोतरी जारी, बागमती, बूढ़ी गंडक व घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
पटना : राज्य में शुक्रवार को गंगा नदी बक्सर, दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह, कहलगांव व साहेबगंज में खतरे के निशान को पार कर गयी. इसके जल स्तर में शनिवार को बढ़ने की आशंका है. बागमती, बूढ़ी गंडक, अधवारा और घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. मुंगेर जिले के मुंगेर सदर, बरियारपुर, जमालपुर और धरहरा प्रखंडों के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
कई स्थानों पर सड़क संपर्क भंग हो गया है. झंझारपुर के नरूआर गांव में कमला बलान नदी का पानी घुस गया है. समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के निचले इलाकों में गंगा का पानी फैल गया है. दूसरी ओर गंडक, कोसी और सोन के जल स्तर में कमी हो रही है. जल संसाधन विभाग ने गंगा के तटीय इलाकों में कटाव रोकने के लिए बालू भरे बैग की व्यवस्था की है. स्थानीय अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए हैं.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी का जल स्तर शुक्रवार सुबह छह बजे दीघा घाट में खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर था. वहीं, गांधीघाट में यह खतरे के निशान से 101 सेमी, हाथीदह में 77 सेमी और कहलगांव में खतरे के निशान से 43 सेमी ऊपर था. मुंगेर में खतरे के निशान से 33 सेमी और भागलपुर में खतरे के निशान से 19 सेमी नीचे था. इसके जल स्तर में शनिवार को दीघाघाट में नौ सेमी, गांधीघाट में नौ सेमी, हाथीदह में आठ सेमी, मुंगेर में 26 सेमी, भागलपुर में 19 सेमी और कहलगांव में 18 सेमी बढ़ोतरी की संभावना है.
कोसी और गंडक में डिस्चार्ज : जल संसाधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार दोपहर दो बजे कोसी नदी का डिस्चार्ज वीरपुर बराज पर एक लाख 22 हजार 835 क्यूसेक, गंडक का वाल्मीकिनगर बराज पर एक लाख चार हजार 400 क्यूसेक, सोन का इंद्रपुरी बराज पर 5643 क्यूसेक डिस्चार्ज था. वहीं गंडक, कोसी और सोन के डिस्चार्ज में घटने की प्रवृत्ति है. वहीं, फल्गु नदी का डिस्चार्ज उदेरास्थान बराज पर शून्य था.
सहरसा जिले में भी स्थिति खराब : सहरसा जिले में उटेशरा पंचायत के घोरमाहा, ताजपुर, बनगामा, फलसवान, बगेवा गांव बाढ़ के बाद कटाव से प्रभावित हैं. इनमें से सिर्फ घोरमाहा गांव के लगभग दो दर्जन से अधिक घर कटकर नदी में विलीन हो चुके हैं. जिले के महिषी, कुंदह, भेलाही, वीरगांव, बघवा, ऐना, झारा, तेलवा पूर्वी व पश्चिमी, आरापट्टी सहित पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंधों के बीच बसे दर्जनों गांव फिर से पानी से घिर चुके हैं. वहीं नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के डरहार में कटाव का कहर जारी है.
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