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नये वाहन एक्ट का असर पड़ रहा कारोबार पर
एक तरफ कारोबारी पहले से मंदी की मार झेल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नये वाहन एक्ट के लागू होने के बाद संकट और गहरा गया है. कई बड़े मार्केट की दुकानों में बोहनी तक नहीं हो पा रही है. मार्केट से ग्राहक पूरी तरह गायब हैं. इक्का-दुक्का ग्राहक पहुंच रहे हैं, जबकि कुछ दिनों […]
एक तरफ कारोबारी पहले से मंदी की मार झेल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नये वाहन एक्ट के लागू होने के बाद संकट और गहरा गया है. कई बड़े मार्केट की दुकानों में बोहनी तक नहीं हो पा रही है. मार्केट से ग्राहक पूरी तरह गायब हैं. इक्का-दुक्का ग्राहक पहुंच रहे हैं, जबकि कुछ दिनों बाद ही दशहरा का त्योहार है.
बाइक से आनेवाले ग्राहक हैं गायब
कोतवाली थाना स्थित टाइटन वर्ल्ड में 1:30 बजे तक एक भी घड़ी की बिक्री नहीं हो पायी थी. कर्मचारी ग्राहकों के इंतजार में खड़े थे. कर्मचारियों के चेहरे पर उदासी स्पष्ट देखने का मिली. प्रबंधक अभिषेक केडिया ने कहा कि नये वाहन एक्ट आने के तीन-चार दिन बाद से ही ग्राहकों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इसका मुख्य कारण है बाइक से आने वाले लोग गायब हैं. युवा ग्राहक अचानक बहुत कम हो गये हैं.
मौर्यालोक परिसर स्थित महावीर खादी के प्रमुख अशोक त्रिवेदी कहते हैं कि पहले से ही बाजार से ग्राहक गायब थे. पूजा को लेकर उम्मीद थी कि बाजार में सुधार होगा, लेकिन जब से शहर में वाहन चेकिंग शुरू हुई है, उसके दो-तीन दिन बाद से मार्केट में ग्राहकों को आना-जाना काफी कम हो गया है. खासकर मध्य वर्ग के ग्राहक गायब हैं. किसी-किसी दिन शाम तक बाेहनी नहीं हो पा रही है.
22 से फिर से सघन वाहन चेकिंग का एलान प्रशासन ने किया है, तो एक प्रकार से कपड़ा कारोबारियों के लिए काला दिन ही साबित होगा. इसलिए प्रशासन को चेकिंग का अभियान पूजा के बाद करने पर विचार करना चाहिए.
कुछ रास्ता निकालना चाहिए
कपड़ों की सबसे बड़ी मंडी खेतान मार्केट में भी ग्राहक छिटपुट ही देखने को मिले. इस मार्केट में साड़ी, रेडिमेड, कपड़े तथा शृंगार से संबंधित 400 से अधिक दुकानें हैं. सियाराम शोरूम के प्रमुख तनीष अग्रवाल ने बताया कि इस वक्त पूजा की खरीदारी शुरू हो जाती थी, लेकिन पिछले 10-12 दिनों से जो मार्केट की स्थिति है, वह काफी चिंताजनक है.
लाखों रुपये की पूंजी लगाकर बैठे हैं. इस मार्केट में खरीदारी करने वाले मध्यम वर्ग के लोग होते हैं, जिनकी सवारी बाइक है. जिस पर सवार होकर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ आते हैं. लेकिन वाहन चेकिंग के भय से ऐसे ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं आ रहे हैं.
चलाना चाहिए था जागरूकता कार्यक्रम
साड़ी के विक्रेता रणजीत सिंह कहते हैं कि पिछले आठ-10 दिनों से मार्केट पूरी तरह सुस्त है. जबकि तीज के बाद लगन का सेल शुरू हो जाता था. लेकिन इस बार स्थिति अलग है. दो बज रहे हैं, लेकिन अभी बोहनी तक नहीं हुई है, जबकि छह-सात कर्मचारियों का खर्च और अन्य खर्च अलग से है. दुकानों के समक्ष संकट पैदा हो गया है. पूजा को लेकर लाखों रुपये की पूंजी लगी है.
उसका क्या होगा पता नहीं. उनके अनुसार नये वाहन एक्ट लागू करने से कम-से-कम तीन माह पहले जागरूकता कार्यक्रम चला कर लोगों को दस्तावेज बनाने का मौका देना चाहिए था. ऐसे वक्त एक्ट लागू किया गया, जब त्योहार का समय है. फाइन लगने से डर कर 25 फीसदी लोगों ने बाइक चलाना कम कर दिया है. चेकिंग अभियान को फिलहाल कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देना चाहिए.
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