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पटना : बार-बार पेशाब का आना प्रोस्टेट बीमारी का लक्षण

प्रोस्टेट माह के रूप में मनेगा सितंबर पटना : प्रोस्टेट की बीमारियां बढ़ती उम्र में आम हो जाती हैं और मृत्यु का कारण बनती है. प्रोस्टेट हेल्थ माह में इससे संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए डाॅ राजेश कुमार तिवारी, प्रोफेसर, आइजीआइएमएस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ज्यादातर लोग प्रोस्टेट की […]

प्रोस्टेट माह के रूप में मनेगा सितंबर
पटना : प्रोस्टेट की बीमारियां बढ़ती उम्र में आम हो जाती हैं और मृत्यु का कारण बनती है. प्रोस्टेट हेल्थ माह में इससे संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए डाॅ राजेश कुमार तिवारी, प्रोफेसर, आइजीआइएमएस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ज्यादातर लोग प्रोस्टेट की समस्या को वर्तमान परिस्थितियों से जोड़ते हैं. वे उम्र, मौसम परिवर्तन, यात्रा संबंधी तनाव, अलग-अलग जगह के पानी आदि को दोष देते हैं.
प्रोस्टेट के बढ़ने से ‘लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट’ के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. इसके चलते ग्रंथी इतनी बड़ी हो जाती है, जो नग्न आंखों से दिखाई देने लगती है.
यह 30 साल से पहले शुरू होता है और 40 साल तक पहुंचते पहुंचते 8 प्रतिशत पुरुष, 60 साल तक पहुंचते-पहुंचते 50 प्रतिशत व 90 साल तक पहुंचते-पहुंचते 90 प्रतिशत पुरुष माइक्रोस्कोपिक बीपीएच वाले हो जाते हैं.
हर 5 भारतीय पुरुषों में से लगभग 2 में बीपीएच के कारण लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट के खराब लक्षण मौजूद हैं. हालांकि, अधिकांश लोग डाॅक्टर के पास जाकर इसका इलाज नहीं कराते. वो तब तक इस बीमारी के साथ रहते हैं, जब तक यह गंभीर नहीं हो जाती और समस्याएं पैदा नहीं करती.
इस बारे में ऐसे लोग खुद बताते नहीं, लेकिन उनके व्यवहार से स्पष्ट होता है कि बीमारी से परेशान हैं. डाॅ आरपी सिंह ने कहा कि ऊंची दर के बावजूद मरीजों को इस बीमारी की जानकारी नहीं होती़ क्योंकि, वो इसे बढ़ती उम्र का हिस्सा मानते हैं.

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