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पटना : 10 वर्षों में बदले 23 नगर आयुक्त, समस्याएं जस-की-तस
लचर कार्य संस्कृति व विवाद से नहीं छूटा नाता, कभी जनप्रतिनिधि आपस में उलझे, तो कभी आयुक्त से चली तकरार पटना : निगम क्षेत्र में नगरीय सुविधाएं जैसे साफ-सफाई, शुद्ध पीने के पानी, जल निकासी, नाला निर्माण, सड़क निर्माण, लाइटिंग आदि मुहैया कराना निगम की जिम्मेदारी है. इनसे संबंधित जन शिकायतों का निबटारा भी करना […]
लचर कार्य संस्कृति व विवाद से नहीं छूटा नाता, कभी जनप्रतिनिधि आपस में उलझे, तो कभी आयुक्त से चली तकरार
पटना : निगम क्षेत्र में नगरीय सुविधाएं जैसे साफ-सफाई, शुद्ध पीने के पानी, जल निकासी, नाला निर्माण, सड़क निर्माण, लाइटिंग आदि मुहैया कराना निगम की जिम्मेदारी है. इनसे संबंधित जन शिकायतों का निबटारा भी करना है.
लेकिन, नगर निगम की कार्य संस्कृति व मेयर-पार्षद-नगर आयुक्त के बीच के विवाद में जनहित की योजनाएं और समस्याएं गौण हो जा रही हैं. यही वजह है कि पिछले 10 वर्षों में शहरवासियों ने 23 नगर आयुक्त देखे, पर शहर की समस्याएं वहीं के वहीं खड़ी रहीं और लोग परेशान रहे. दशकों से जलजमाव एक बड़ी समस्या बनी है.
मॉनसून के दौरान शहर में जलजमाव की समस्या बनती है. जब तक, वरीय अधिकारी के निर्देश पर योजना बनायी जाती है, तब तक नगर आयुक्त बदल जाते हैं और योजना फाइलों में अटक जाती है. यही वजह है कि शहर के अधिकतर इलाकों में अब तक जलजमाव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है.
पांच वर्षों से सिर्फ विवादों में रहा निगम : 2010 में अफजल इमाम मेयर चुने गये. उस समय श्रीधर सी नगर आयुक्त थे. सितंबर, 2010 में उनका तबादला हो गया और मनीष कुमार नगर आयुक्त बने. मनीष कुमार से मेयर का विवाद शुरू हुआ, तो यह सिलसिला 2015 तक चला. इस दौरान दिवेश सेहरा, पंकज कुमार पाल, आदेश टी, राधा मोहन प्रसाद व कुलदीप नारायण नगर आयुक्त रहे, जो विवादों में उलझे रहे, एक भी योजना धरातल पर नहीं उतरी.
लचर कार्य संस्कृति में नहीं रहना चाहते नगर आयुक्त
नगर निगम की कार्य संस्कृति काफी लचर है. पार्षद से लेकर निगम अधिकारी व कर्मी व्यक्तिगत लाभ व नुकसान को देख कर फाइलों के निष्पादन व काम करते हैं. शहर का विकास किसी की प्राथमिकता में नहीं है. यही कारण है कि नगर आयुक्त का पद संभालते ही तबादले की जुगाड़ में जुट जाते हैं व तीन वर्षों के निर्धारित कार्यकाल से पहले चले जाते हैं.
पिछले 10 वर्षों में कौन-कौन रहे नगर आयुक्त
नगर आयुक्त कब से कब तक
श्रीधर सी. 3.3.2010 – 20.5.2010
संजीव हंस(प्रभारी) 20.5.2010 – 8.6.2010
श्रीधर सी. 8.6.2010 – 28.9.2010
मनीष कुमार 8.10.2010 – 14.2.2011
दिवेश सेहरा 14.2.2011 – 2.10.2011
पंकज कुमार पाल 2.10.2011 – 14.1.2013
आदेश टी. 14.1.2013 -18.4.2013
राधा मोहन प्रसाद 18.4.2013 – 21.4.2013
कुलदीप नारायण 21.4.2013 – 30.1.2015
शीर्षत कपिल अशोक 2.2.2015 – 31.3.2015
जय सिंह 1.4.2015 – 28.5.2015
शीर्षत कपिल अशोक 29.5.2015 – 21.7.2015
नगर आयुक्त कब से कब तक
जय सिंह 22.7.2015 -11.4.2016
शीर्षत कपिल अशोक 11.4.2016 -23.6.2016
अभिषेक सिंह 23.6.2016-6.5.2017
संजय दूबे 6.5.2017 -24.5.2017
अभिषेक सिंह 25.5.2017 – 3.1.2018
केशव रंजन प्रसाद 3.1.2018 – 3.4.2018
राजेश मीणा 4.4.2018 -11.4.2018
केशव रंजन प्रसाद 11.4.2018 -25.5.2018
राजेश मीणा 26.5.2018 -7.6.2018
केशव रंजन प्रसाद 7.6.2018 – 12.6.2018
अनुपम कुमार सुमन 12.6.2018-21.8.2019
जूझ रहे हैं लोग
गर्मी में दर्जनों मोहल्लों में जल संकट की समस्या गहरा जाती है. लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता है. कचरे का उठाव हो रहा है, लेकिन रिसाइकलिंग प्लांट नहीं लगा है. स्ट्रीट लाइट लगी है, पर मेंटेनेंस नहीं हो रहा है. कई योजनाएं समय से धरातल पर नहीं उतरी.
यह सही है कि नगर निगम में नगर आयुक्त रहना नहीं चाहते थे. लेकिन, हमने दो वर्षों के कार्यकाल में बेहतर कार्य संस्कृति बनाने की कोशिश की है. प्राथमिकता के आधार पर जनहित की योजनाएं बनायीं, जिन्हें धरातल पर उतारा गया है और उतारने की कोशिश की जा रही है.
सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम
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