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NMC बिल का विरोध : IMA के आह्वान पर 24 घंटे तक सेवाएं बाधित रखेंगे बिहार समेत देश भर के चिकित्सक

नयी दिल्ली / पटना : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग यानी नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक पर लोकसभा में मुहर लगाये जाने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बिल का विरोध किया है. आईएमए ने बिल के विरोध में बिहार समेत पूरे देश में 31 जुलाई की सुबह छह बजे से एक अगस्त की सुबह छह बजे […]

नयी दिल्ली / पटना : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग यानी नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक पर लोकसभा में मुहर लगाये जाने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बिल का विरोध किया है. आईएमए ने बिल के विरोध में बिहार समेत पूरे देश में 31 जुलाई की सुबह छह बजे से एक अगस्त की सुबह छह बजे तक ओपीडी सेवा ठप करने की अपील की है. मालूम हो कि एनएमसी बिल राज्यसभा में एक सप्ताह पूर्व ही इसे पास किया जा चुका है. इस बिल पर राष्ट्रपति के दस्तखत होते ही यह कानून के रूप में आ जायेगा. इस बिल से देश में मेडिकल शिक्षा की दशा और दिशा को नियंत्रित किया जा सकेगा.

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित आईएमए मुख्यालय ने चिकित्सकों से बुधवार 31 जुलाई को 24 घंटे का सेवाएं ठप रखने का आह्वान किया है. आपातकालीन कार्रवाई समिति ने स्थिति की समीक्षा कर बुधवार, 31 जुलाई की सुबह छह बजे से अगले दिन एक अगस्त की सुबह छह बजे तक आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा देश भर में गैर-जरूरी सेवाओं को वापस लेने के लिए 24 घंटे का आह्वान किया है. साथ ही कहा है कि आपातकालीन, कैजुअल्टी, आईसीयू और संबंधित सेवाएं सामान्य रूप से काम करेंगी. सभी राज्य और स्थानीय शाखाओं द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन और भूख हड़ताल की जायेगी. साथ ही कहा गया है कि एनएमसी के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सांतनु सेन ने कहा कि यदि एनएमसी विधेयक की धारा-32 नहीं हटायी गयी, तो सरकार ‘अपने हाथ खून से रंगेगी.’ उन्होंने कहा कि नीम-हकीमी को वैध करनेवाली धारा-32 को जोड़ने से लोगों की जान खतरे में पड़ेगी. आईएमए विधेयक के कुछ अन्य प्रावधानों के खिलाफ भी है. उन्होंने कहा कि ‘एनएमसी विधेयक रोगियों की सुरक्षा से समझौता करता है. यह लोकतंत्र, संघवाद और समान अवसर के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन भी करता है.’

इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चलती है. यह विधेयक भी इसी भावना के साथ लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं आश्वासन देता हूं कि विधेयक में आईएमए की उठायी गयी आशंकाओं का समाधान होगा.’ उन्होंने कहा है कि एनएमसी विधेयक एक प्रगतिशील विधेयक है, जो चिकित्सा शिक्षा की चुनौतियों से पार पाने में मदद करेगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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