21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फर्जी ब्लड कलेक्शन सेंटर पर करें कार्रवाई

पटना : पटना हाइकोर्ट ने वैशाली जिले में चल रहे आधे से अधिक फर्जी ब्लड क्लेक्शन सेंटर के मामले में स्वास्थ्य विभाग से नौ अगस्त तक जवाब तलब किया है. साथ ही अदालत ने वैशाली सहित प्रदेश में चल रहे फर्जी ब्लड क्लेक्शन सेंटर के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने स्वास्थ्य […]

पटना : पटना हाइकोर्ट ने वैशाली जिले में चल रहे आधे से अधिक फर्जी ब्लड क्लेक्शन सेंटर के मामले में स्वास्थ्य विभाग से नौ अगस्त तक जवाब तलब किया है. साथ ही अदालत ने वैशाली सहित प्रदेश में चल रहे फर्जी ब्लड क्लेक्शन सेंटर के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि अवैध सेंटरों को बंद करने को लेकर बनायी गयी कार्ययोजना से अगली सुनवाई पर अवगत कराएं.

न्यायमूर्ति ज्योति शरण तथा न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने एपी गौतम की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया कि वैशाली जिले में 38 में से 26 ब्लड क्लेक्शन सेंटर अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं.
इसकी जानकारी सिविल सर्जन को दी गयी. सिविल सर्जन ने अवैध सेंटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि यह एक जिले का मामला नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में अवैध ब्लड क्लेक्शन सेंटर चल रहे हैं.
पीएमसीएच : जीवन रक्षक मशीन खराब रहने पर नाराजगी
पटना. हाइकोर्ट ने पीएमसीएच में डायलिसिस मशीन, वेंटिलेटर व अन्य जीवनरक्षक मशीनों के चालू नहीं होने के मामले पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने मामले पर शुक्रवार को सुनवाई की. न्यायाधीश ज्योति शरण व न्यायाधीश पार्थसारथी की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह उक्त जीवनरक्षक उपकरणों की वर्तमान स्थिति की जांच कर दो अगस्त को कोर्ट में अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करें. कोर्ट को बताया गया कि बहुत सारी जीवनरक्षक मशीनें अस्पताल में लाकर रखी गयी हैं, लेकिन वे चालू नहीं हैं.
बिहटा में दिसंबर तक वाहन जांच केंद्र का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश : पटना. हाइकोर्ट ने बिहटा के सिकंदरपुर में बन रहे वाहन फिटनेस जांच केंद्र के निर्माण कार्य को दिसंबर, 2019 तक पूरा कर लेने का निर्देश सरकार को दिया है.
मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश के साथ इसे निष्पादित कर दिया. कोर्ट को बताया गया कि राज्य में वाहनों के फिटनेस की जांच के लिए एक भी जांच केंद्र नहीं है. इसका फायदा वाहन मलिक व अधिकारी उठा रहे हैं. जबकि, आम जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें