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पटना : दुग्ध उत्पादन सहयोग समितियों से जोड़े जायेंगे सभी पशुपालक
पटना : राज्य में दुग्ध उत्पादन समितियों का विस्तार होगा. पशुपालन विभाग की योजना है कि सभी पशुपालक जिनके पास दुधारू पशु हैं, उन्हें दुग्ध उत्पादन समितियों से जोड़ा जाये. अभी 56 फीसदी पशुपालक परिवार तक समितियों की पहुंच है. इसे बढ़ाकर सौ फीसदी करना है. राज्य में अभी 22 हजार समितियां काम कर रही […]
पटना : राज्य में दुग्ध उत्पादन समितियों का विस्तार होगा. पशुपालन विभाग की योजना है कि सभी पशुपालक जिनके पास दुधारू पशु हैं, उन्हें दुग्ध उत्पादन समितियों से जोड़ा जाये. अभी 56 फीसदी पशुपालक परिवार तक समितियों की पहुंच है. इसे बढ़ाकर सौ फीसदी करना है. राज्य में अभी 22 हजार समितियां काम कर रही हैं. सुधा का और विस्तार होगा.
राज्य में दूध का सबसे अधिक उत्पादन गाय से होता है. इसके बाद भैंस का स्थान आता है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार राज्य में 2017-18 में 92.4 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ था. इसमें 58.8 प्रतिशत गाय और 35.2 प्रतिशत भैंस का था. अभी राज्य में कुल दूध उत्पादन का 28 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन सहकारी सहयोग समितियों के माध्यम से कलेक्शन होता है.
कम्फेड के अलावा राज्य में निजी क्षेत्र में भी कई बड़ी डेयरी हैं. कम्फेड का सुधा देश भर में जाना पहचाना ब्रांड है. बिहार के अलावा नेपाल और देश के कई शहरों में सुधा का दूध और अन्य प्रोडक्ट की डिमांड है. दूध दही के अलावा लस्सी, मिठाई, पेड़ा, आइसक्रीम की अच्छी मांग है. 36 फ्लेवर में में अभी आइसक्रीम उपलब्ध हैं. नेपाल को 20 हजार लीटर दूध भेजा जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री का बढ़ेगा नेटवर्क
राज्य में सुधा अपने कलेक्शन का नेटवर्क बढाने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी अपनी बिक्री के नेटवर्क को मजबूत करेगा. राज्य के पशु संसाधन मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने पिछले दिनों सुधा के कामकाज की समीक्षा की और इसके विस्तार का निर्देश दिया. डाॅ कुमार ने बताया कि गांवों के युवाओं को दूध उत्पादन से जोड़ा जायेगा. इससे उनको रोजगार मिलेगा. ग्रामीण इलाकों में बिक्री के नेटवर्क का विस्तार किया जायेगा.
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