9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : असमंजस में ग्राम पंचायतों से नक्शा लेने वाले बिल्डर, फंस रहा है बड़ा प्रोजेक्ट

नहीं मिल रहा ऑक्युपेंसी और कंप्लीशन सर्टिफिकेट पटना महानगर एरिया ऑथोरिटी ने भी झाड़ा पल्ला पटना : सूबे के शहरी क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायतों में रियल इस्टेट प्रोजेक्ट चला रहे बिल्डर असमंजस में हैं. रेरा ने किसी भी प्रोजेक्ट को ग्राहक को सौंपने से पहले अब संबंधित निकाय से उसका ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) व […]

नहीं मिल रहा ऑक्युपेंसी और कंप्लीशन सर्टिफिकेट
पटना महानगर एरिया ऑथोरिटी ने भी झाड़ा पल्ला
पटना : सूबे के शहरी क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायतों में रियल इस्टेट प्रोजेक्ट चला रहे बिल्डर असमंजस में हैं. रेरा ने किसी भी प्रोजेक्ट को ग्राहक को सौंपने से पहले अब संबंधित निकाय से उसका ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) व कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) लेना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन, नगर निकाय से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर ओसी-सीसी जारी नहीं होने से बिल्डरों के समक्ष मुश्किल खड़ी हो गयी है.
भेलवारा पंचायत के बड़े प्रोजेक्ट पर संकट : इसकी वजह से संपतचक प्रखंड के भेलवारा ग्राम पंचायत में आने वाला भोगीपुर गांव का एक बड़ा प्रोजेक्ट फंसा हुआ है. ओसी नहीं मिलने की वजह से बिल्डर चाह कर भी ग्राहक को फ्लैट हैंडओवर नहीं कर पा रहे. छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स नामक प्रोजेक्ट के दो ब्लॉक से जुड़े दर्जनों फ्लैट बिल्डर संबंधित ग्राहक को देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राम पंचायत ओसी नहीं दे रही.
यह स्थिति सिर्फ एक प्रोजेक्ट की नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्र के आसपास ग्राम पंचायत इलाके में आने वाले कई प्रोजेक्टों की है. इस मामले में जब पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि संबंधित क्षेत्र उनके दायरे में नहीं आता.
तो नहीं मिलेगी पानी, बिजली की सुविधा : किसी भी प्रोजेक्ट में पानी, सीवर व बिजली कनेक्शन जैसी आधारभूत सुविधाओं के लिए ओसी अनिवार्य है. इसके बिना प्रशासन द्वारा किसी भी बिल्डिंग को अनधिकृत करार देते हुए गिराया जा सकता है. होम लोन के लिए अप्लाइ करते समय या पुराने फ्लैट के लिए लोन लेते समय ओसी बहुत जरूरी है.
रेरा की सख्ती के बाद अनिवार्य
दरअसल साल भर पहले तक ओसी-सीसी को लेकर नगर निकाय से लेकर बिल्डर तक लापरवाह थे. स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटना नगर निगम से भी इक्के-दुक्के ओसी-सीसी ही जारी किये गये.
लेकिन, रेरा के एक्टिव होने के बाद इसे बिलकुल अनिवार्य बना दिया गया है. बावजूद नगर निकाय से लेकर ग्राम पंचायतों की सुस्ती कायम है. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता है कि बिल्डिंग का निर्माण नियमों के मुताबिक हुआ है और पजेशन के लिए तैयार है. बिल्डर द्वारा सभी तरह के दस्तावेज दिखाये जाने पर 30 दिनों के अंदर ओसी दिये जाने का प्रावधान है
उदासीनता बरत रहे निकाय
रेरा के आदेश के बाद सभी शहरी व ग्रामीण निकायों को ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है. पूर्व से इसका चलन नहीं होने की वजह से अब भी निकाय उदासनीता बरत रहे हैं. उनके पास मैनपावर की भी कमी है. कई बिल्डरों ने छह महीने से लेकर साल भर पहले से ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट को लेकर आवेदन किया है, लेकिन मामला लटका हुआ है. इस मामले को लेकर हमने नगर विकास मंत्री से भी मुलाकात की है.
सचिन चंद्रा, अध्यक्ष, बिल्डर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें