पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेट नंबर एक से घुसने पर सामने टी प्वाइंट के ठीक पहले बायें किनारे पर बड़ा-सा बोर्ड लगा है, जिसका नाम पूछताछ सहायता केंद्र रखा गया है.
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पटना : पूछताछ काउंटर पर ढूंढ़ते रह जायेंगे कर्मचारियों को
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेट नंबर एक से घुसने पर सामने टी प्वाइंट के ठीक पहले बायें किनारे पर बड़ा-सा बोर्ड लगा है, जिसका नाम पूछताछ सहायता केंद्र रखा गया है. प्रभात खबर की टीम ने लगातार तीन दिनों तक देखा कि सुबह डॉक्टरों व अधिकारियों के आने के समय पूछताछ काउंटर […]
प्रभात खबर की टीम ने लगातार तीन दिनों तक देखा कि सुबह डॉक्टरों व अधिकारियों के आने के समय पूछताछ काउंटर पर कर्मी आये. लेकिन, कुछ देर रहने के बाद गायब हो गये. सुबह 11 बजे से अमूमन शाम होने तक यह काउंटर खाली ही दिखा.
यही स्थिति इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की है, जहां इमरजेंसी गेट के ठीक बगल में आकस्मिक पूछताछ का बोर्ड लगा हुआ है. लेकिन, यहां भी कर्मी नहीं है. इमरजेंसी में दिखाने आये मरीज के परिजन काउंटर पर पहुंचे. लेकिन, किसी को नहीं देख यहां-वहां भटकते दिखे.
पीएमसीएच में ताला बंद कर निकल जाते हैं कर्मी : पीएमसीएच के मुख्य गेट के पास ही पूछताछ काउंटर की सुविधा दी गयी है. यहां सुबह 10 से शाम पांच बजे तक दो कर्मियों की ड्यूटी तो लगती है. लेकिन, कभी कोई नहीं रहता. पूछताछ काउंटर का कमरा बाहर से बंद रहता है और कुर्सियां खाली दिखती हैं.
बार-बार सवाल उठने के बावजूद पूछताछ काउंटर के आसपास निजी अस्पतालों के दलाल मरीज को ढूंढ़ते रहते हैं. स्थानीय लोग तो पूछताछ काउंटर की ओर झांकते ही नहीं. बाहर से आये लोग जानकारी के अभाव में जैसे ही पूछताछ काउंटर देख वहां पहुंचते हैं, तो दलाल तुरंत सक्रिय हो जाते हैं. कभी दलाल भी नहीं रहे तो परिजन जहां-तहां पता लगाते दिखते हैं कि उसके मरीज को कहां ले जाना होगा.
आइजीआइएमएस : इमरजेंसी के मरीजों को नहीं मिलती जानकारी
आइजीआइएमएस के इमरजेंसी गेट के बगल में आकस्मिक पूछताछ काउंटर की व्यवस्था की गयी है. यहां 24 घंटे दो कर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है. आठ-आठ घंटे कुल तीन शिफ्टों में कर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है. लेकिन, काउंटर पर अधिकांश समय कर्मी नहीं मिलते हैं.
ऐसे में इमरजेंसी के मरीजों को सही जानकारी नहीं मिल पाती है. कई बार तो मरीज सीधे डॉक्टर रिसेप्शन काउंटर के पास पहुंच जाते हैं, जहां कई बार डॉक्टरों से तू-तू मैं-मैं की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन काउंटर के बगल में भी मरीजों की जानकारी के लिए पूछताछ काउंटर की सुविधा है.
इमरजेंसी पूछताछ काउंटर पर कर्मियों का रहना जरूरी है. इस मामले का पता लगाया जायेगा और व्यवस्था में गड़बड़ी दिखी, तो तुरंत ठीक की जायेगी और गायब कर्मियों से पूछताछ की जायेगी.
डॉ मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट,
आइजीआइएमएस
मरीजों की सुविधा के लिए पूछताछ काउंटर की व्यवस्था की गयी है. कर्मी गायब रहते हैं तो यह ठीक नहीं है. मैं वहां औचक निरीक्षण करूंगा. साथ ही इसके जिम्मेदार अधिकारियों को निगरानी रखने को बोलूंगा. बावजूद अगर कर्मी नहीं रहेंगे, तो कार्रवाई होगी.
डॉ रामजी प्रसाद सिंह, प्रिंसिपल, पीएमसीएच
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