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पटना : रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में पुरानी विधि से बनायी गयी मेधा सूची
पटना : रेलवे भर्ती बोर्ड पटना ने ग्रुप डी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की छात्रों की आशंका को पूरी तरह निर्मूल बताया है. बोर्ड के सचिव रूपेश चंद्र ने कहा कि प्रकाशित परिणाम को बनाने में कोई भी नये तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यह परिणाम परीक्षार्थियों के मेधा एवं लंबे समय से […]
पटना : रेलवे भर्ती बोर्ड पटना ने ग्रुप डी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की छात्रों की आशंका को पूरी तरह निर्मूल बताया है. बोर्ड के सचिव रूपेश चंद्र ने कहा कि प्रकाशित परिणाम को बनाने में कोई भी नये तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
यह परिणाम परीक्षार्थियों के मेधा एवं लंबे समय से चले आ रहे जांच विधि पर आधारित है. इस परिणाम में प्रकाशित रिक्तियों के तीन गुणा अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता जांच हेतु मेधा सूची में रखा गया है. श्री चंद्र ने कहा कि रेल भर्ती बोर्डों द्वारा प्रकाशित लेवल एक के परिणाम में अधिकतम नॉर्मलाइज्ड प्राप्तांक 126.13 है. इससे अधिक प्राप्तांक का किसी तरह का दावा बिलकुल ही मनगढ़ंत है.
अपनायी सांख्यिकीय नाॅर्मलाइजेशन विधि : बोर्ड के सचिव ने कहा कि जब कभी भी अनेक पालियों में एक ही पाठ्यक्रम के अंदर से प्रश्न-पत्र तैयार किये जाते हैं, तो पूरी कोशिश के बावजूद भी प्रश्न-पत्रों के कठिनाई स्तर में विभिन्नता होने की संभावना रहती है.
इस कठिनाई स्तर में समानता लाने के लिए व्यापक तौर पर प्राप्तांकों के सांख्यिकीय नॉर्मलाइजेशन की विधि अपनायी जाती है. रेल भर्ती बोर्डों द्वारा अपनायी गयी नॉर्मलाइजेशन विधि वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीय विधि है. अभ्यर्थियों के प्राप्तांक को फॉर्मूले के तहत नॉर्मलाइज किया गया है.
वर्ष 2000 से इस्तेमाल हो रहा यह फॉर्मूला : यह फार्मूला रेलवे बोर्ड के आधिकारिक पत्र के अनुसार वर्ष 2000 से सभी रेलवे भर्ती बोर्डों के परीक्षा परिणामों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसी फार्मूले द्वारा नॉर्मलाईज प्राप्तांक के आधार पर चार मार्च को लेवल एक (ग्रुप–डी) के विभिन्न पदों पर रेलवे में भर्ती हेतु परिणाम प्रकाशित किया गया है.
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