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बीपीएससी टॉपर : नौकरी मिलने के बावजूद टॉपर बनने की ठानी थी जिद

पटना : बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित 60वीं, 61वीं,62वीं सम्मिलित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में टॉप रैंकिंग पाने वाले सुशांत कुमार चंचल कहते हैं कि नौकरी में आने के बावजूद अव्वल आने की जिद नहीं छोड़ी थी. चंचल ने मैट्रिक परीक्षा संत पॉल स्कूल समस्तीपुर से पास की थी. वर्ष 2008 में मुजफ्फरपुर से इन्होंने इंटरमीडिएट […]

पटना : बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित 60वीं, 61वीं,62वीं सम्मिलित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में टॉप रैंकिंग पाने वाले सुशांत कुमार चंचल कहते हैं कि नौकरी में आने के बावजूद अव्वल आने की जिद नहीं छोड़ी थी. चंचल ने मैट्रिक परीक्षा संत पॉल स्कूल समस्तीपुर से पास की थी.

वर्ष 2008 में मुजफ्फरपुर से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. इकोनॉमिक्स ऑनर्स बीएन कॉलेज, पटना से करने के बाद इग्नू से एमए की डिग्री ली. वीर कुंवर सिंह विवि आरा में ये जूनियर रिसर्च स्कॉलर रह चुके हैं. सुशांत ने प्रथम प्रयास में 56 से 59 वीं परीक्षा में 88 वां रैंक प्राप्त किया था और अभी राजगीर में प्रशिक्षु डीएसपी के पद पर हैं. अपने दूसरे प्रयास में 60 से 62 वी परीक्षा में बिहार टॉपर बनकर मधुबनी जिले का नाम रौशन कर दिया है.

पिता के सपने को पूरा करने के लिए डीएसपी बने अमरनाथ

बीपीएससी में लगातार दूसरी बार सफलता प्राप्त करने वाले अमरनाथ काफी खुश है. उन्हें 35 वां रैंक प्राप्त हुआ है. वह कहते हैं कि मेरी इच्छा पूरी हो गयी. मेरा पहला च्वाइस डीएसपी था. पिछले बीपीएसपी में सफलता प्राप्त करने के बाद अमरनाथ वर्तमान में सहायक योजना पदाधिकारी मुंगेर में पदस्थापित हैं. अमरनाथ पिता के सपने को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें हैं. उनके पिता स्व चंद्रभाण त्रिपाठी एसडीएम रहे. मोतिहारी में पदस्थापन के दौरान ही उनका देहांत हो गया. 1980 में ही उनके पिता छोड़ कर चले गये. उनके स्थान पर मां ज्ञानमति त्रिपाठी को नौकरी हुई. मां ने ही पढ़ाया-लिखाया. उन्होंने 2005 में टीएस चाणक्या मुंबई से ग्रेजुएशन किया.

पहले प्रयास में ही श्रेया को मिली कामयाबी
बीपीएससी में श्रेया कश्यप ने पहली बार में ही सफलता हासिल कर तीसरा रैंक पाया है. औरंगाबाद की रहने वाली श्रेया 2012 में बीआइटी मेसरा से बीटेक पास की. इसके बाद गुड़गांव में आइटी कंपनी में जॉब की. इसके बाद 2017 से बीपीएससी की तैयारी में जुट गयी थी. बीपीएससी में दर्शनशास्त्र मेन पेपर था.

अमर ने पहले प्रयास में सफलता पायी
शाहपुर (भोजपुर) के मूल निवासी अमर आशीष को बीपीएससी रिजल्ट में 325वीं रैंक मिली है. उनको राजस्व अधिकारी पद मिला है. अमर ने पहले प्रयास में ही यह सफलता हासिल की. वर्तमान में वे बंगलुरु में इंफोसिस कंपनी में टेक्नोलॉजी एनालिस्ट हैं. अमर ने बताया कि चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी, पर सफलता नहीं मिली. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से राजभाषा अधिकारी के पद से रिटायर्ड पिता सतीश कुमार सिन्हा के कहने पर बीपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफलता मिल गयी.

तीसरे प्रयास में उमेश शर्मा बने रेवेन्यू ऑफिसर

शहर के उमेश शर्मा को बीपीएससी में 757वां रैंक मिला है. इस तरह वह रेवेन्य ऑफिसर पद के लिए चुने गये हैं. उमेश शर्मा मूलत: रोहतास जिला अंतर्गत रोहतास प्रखंड के थूम्हा गांव निवासी हैं. गांव में ही स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने बीएचयू से सत्र 2004-07 में स्नातक की डिग्री हासिल की. वर्तमान में पटना हाई कोर्ट में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर हैं.

सौरभ को मिली बिहार प्रशासनिक सेवा

सौरभ को लगातार बीपीएससी में यह दूसरी सफलता मिली है. इससे पहले 56वीं से 59वीं परीक्षा में 26वां रैंक प्राप्त किया था और अभी वह हाल में ही गोपालगंज में सहायक योजना पदाधिकारी के रूप में ज्वाइन किये थे. इस बार सौरभ अपने रैंक में सुधार करते हुए 11वां रैंक प्राप्त किया. इसके सफलता से माता रंजना सिंह और पिता विनय कुमार सिंह काफी खुश हैं.

पटना के आमिर अहमद को दूसरा स्थान
अनीसाबाद के आमिर अहमद को बीपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान मिला है. आमिर ने पटना डीपीएस से 10वीं व 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने मणिपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद बीपीएससी की परीक्षा दी है. आमिर के पिता खुर्शीद अहमद आइएएस अफसर बनकर रिटायर हुए थे.

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