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पटना : आर्ट कॉलेज का हॉस्टल भी खाली कराया गया
पटना : आर्ट कॉलेज में पिछले एक हफ्ते के दौरान एक दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत अज्ञात बीमारी से हो चुकी है. गुरुवार को भी दो पक्षियों की मौत हुई है, जिन्हें कॉलेज परिसर में ही दफना दिया गया. इसमें एक कबूतर व एक कौआ बताया जा रहा है. अब तक यहां करीब 13-14 […]
पटना : आर्ट कॉलेज में पिछले एक हफ्ते के दौरान एक दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत अज्ञात बीमारी से हो चुकी है. गुरुवार को भी दो पक्षियों की मौत हुई है, जिन्हें कॉलेज परिसर में ही दफना दिया गया. इसमें एक कबूतर व एक कौआ बताया जा रहा है. अब तक यहां करीब 13-14 पक्षियों की मौत बतायी जा रही है. हालांकि ये वे पक्षी हैं, जिन पर नजर पड़ी है. कुछ इधर-उधर भी गिरे होंगे, इसकी आशंका व्यक्त की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम कॉलेज परिसर पहुंची. उन्हीं के देखरेख में पक्षियों को दफनाया गया और उनके इर्द-गिर्द ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया. वहीं कैंपस की सफाई भी लगातार करायी जा रही है. यही वजह है कि पहले ही एहतियातन कॉलेज को पांच जनवरी तक बंद कर दिया गया है और अब हॉस्टल भी खाली कराया दिया गया है.
प्राचार्य ने हॉस्टल का किया निरीक्षण : चिड़ियां किस बीमारी से मर रही हैं, यह अभी कन्फर्म नहीं है, लेकिन चूंकि चिड़ियाघर में कुछ मोरों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, इसके बाद ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि यह बर्ड फ्लू हो सकता है. इसके सैंपल को पशुपालन विभाग ले गया है. स्वास्थ्य विभाग भी अपने स्तर से इस पर नजर बनाये हुए है. प्राचार्य प्रो अजय पांडे ने गुरुवार को हॉस्टल का निरीक्षण किया और छात्रों को हॉस्टल खाली करने को कहा.
पीएमसीएच पहुंची केंद्रीय टीम, जांच मशीन नहीं होने से दिखी नाराज : पटना. बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से तीन सदस्यीय टीम पीएमसीएच पहुंची और फ्लू को लेकर अस्पताल की तैयारी का निरीक्षण किया. बर्ड फ्लू को लेकर पीएमसीएच तैयार नहीं है, क्योंकि यहां रियल टाइम पीसीआर मशीन नहीं है.
ऐसे में बर्ड फ्लू की आशंका होने पर जांच कराने आ रहे मरीजों की जांच नहीं हो पाती. टीम ने कहा कि जिस तरह बर्ड फ्लू की दवाएं टेमी फ्लू रखी गयी है, उसी तरह मशीन का इंतजाम भी किया जाये. टीम के सदस्यों ने इमरजेंसी वार्ड के साथ ही वायरोलॉजी विभाग का भी निरीक्षण किया.
पटना जू में हुआ वीरकॉन एस का गहन छिड़काव : पटना जू में गुरुवार को संक्रमण समाप्त करने वाली दवा वीरकॉन एस का जंतु प्रक्षेत्र में स्थित सभी चिड़िया के केज के साथ-साथ मछली घर के आसपास भी छिड़काव हुआ. मछलीघर के पास झील के दक्षिणी किनारे से होते हुए जिराफ, सांभर, गैंडा, बाइजन, हाथी और घड़ियाल केज में दवा का गहन रूप से छिड़काव किया गया. जैविक उद्यान में पिछले चौबीस घंटे के दौरान किसी पशु-पक्षी की मौत नहीं हुई.
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