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पटना : जल्द 230 थानों में पीड़ित महिलाओं को मुफ्त मिलेगी मदद

पूर्व से संचालित स्पेशल सेल फॉर वुमेन का सर्वे कर रही हैं जेंडर रिसोर्स सेंटर की टीमें पटना : थानों में मदद के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को मुफ्त में काउंसेलिंग का दायरा बढ़ेगा. इससे प्रदेश के विभिन्न जिलों में और अधिक पीड़ित महिलाओं को लाभ मिलेगा. उनकी समस्याओं का हल थाने में ही हो […]

पूर्व से संचालित स्पेशल सेल फॉर वुमेन का सर्वे कर रही हैं जेंडर रिसोर्स सेंटर की टीमें
पटना : थानों में मदद के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को मुफ्त में काउंसेलिंग का दायरा बढ़ेगा. इससे प्रदेश के विभिन्न जिलों में और अधिक पीड़ित महिलाओं को लाभ मिलेगा. उनकी समस्याओं का हल थाने में ही हो सकेगा. इसी क्रम में 23 से बढ़ाकर 230 थानों में काउंसेलर तैनात करने की तैयारी चल रही है. इससे पहले प्रदेश भर में संचालित स्पेशल सेल फॉर वुमेन (विशेष महिला कोषांग) की जानकारी जुटा रही. इसके लिए बाकायदा जेंडर रिसोर्स सेंटर (जीआरसी) के स्तर से सर्वे किया जा रहा है. फिलहाल 11 थानों का सर्वे हो चुका है. इसमें सकारात्मक बातें सामने आयी हैं.
बुजुर्ग महिला को मिला हक
एक डॉक्टर की बुजुर्ग मां महिला थाना स्थित स्पेशल सेल में आयी. उसने बताया कि उसके दो घर हैं. एक घर में कई अलग-अलग हिस्सों में किरायेदार रहते हैं. वह अपने डॉक्टर बेटा, उसकी पत्नी के साथ रहती हैं. परंतु बहू से बनती नहीं है. महिला काउंसेलर ने बेटे और बहू को भी थाने में तलब किया. बुजुर्ग महिला को एक पूरा घर दिलाने में कामयाबी मिली.
घर छोड़ने वाली छह बच्चों की मां का बसा घर
गर्दनीबाग में एक महिला अपने छह बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ चली गयी. चार साल तक सबकुछ ठीक चला, उसके बाद घरवालों ने प्रेमी की शादी तय कर दी. महिला थाने में काउंसेलर के पास गयी. पीड़िता ने बताया कि जो पैसे और गहने थे, वह भी प्रेमी ले गया. पुलिस की मदद लेकर प्रेमी की खोज शुरू हुई. आखिरकार प्रेमी मिला और महिला के पैसे व गहने दिलाये गये.
वर्ष 2014 में हुई थी शुरुआत : वर्ष 2014 में ट्रॉयल के तौर पर पटना जिले के 23 थानों में स्पेशल सेल फॉर वुमेन (विशेष महिला कोषांग) की स्थापना की गयी थी. इस सेल के माध्यम से महिला विकास निगम की ओर से नियुक्त काउंसेलर पुलिस के साथ मिलकर काम करती है.
अपनों से मिलाया : पटना जिले के 23 थानों में संचालित ‘स्पेशल सेल फॉर वुमेन’ के माध्यम से 8987 महिलाओं को मदद पहुंचायी गयी है. शिकायतों का आंकड़ा तो इससे कहीं ज्यादा है. सेल ने सैकड़ों घरों को टूटने से बचाया व सैकड़ों महिलाओं को हक दिलाया गया है.
बोले जिम्मेदार
पीड़ित महिलाओं को तात्कालिक सहायता का प्रथम संपर्क बिंदु हमारा सेल है. यहां पीड़िताओं को भावनात्मक सहयोग एवं परामर्श दिया जाता है. प्राथमिकी दर्ज कराने में सहायता की जाती है.
—प्रीति, काउंसेलर, महिला थाना
विशेष महिला कोषांग की वर्तमान स्थिति देखी जा रही है. चार पीड़िताओं, एसएचओ, थाना के अन्य स्टाफ का फीडबैक लिया जा रहा है. कोशिश है कि सिस्टम को और दुरुस्त किया जाये.
—एस आनंद, सीनियर कंसल्टेंट, जेंडर रिसोर्स सेंटर
बन रही रिपोर्ट
प्रदेश के 23 थानों में संचालित विशेष महिला कोषांग की ओर से किये गये कार्यों की हकीकत जेंडर रिसोर्स सेंटर जांच रहा है. इसके लिए जीआरसी के सीनियर कंसल्टेंट एस आनंद की अगुवाई में आकांक्षा श्री, अमित चौबे, शुभांजलि सिंह, अनुपमा कुमारी जुट गयी हैं. हर थाने जाकर संबंधित लोगों से बात कर रिपोर्ट बनायी जा रही है.
रोज आते हैं 10-15 मामले : थानों में सक्रिय ‘स्पेशल सेल फॉर वुमेन’ में सामान्य तौर पर रोज 10-15 शिकायतें आती हैं. महिला विकास निगम इसकी मॉनीटरिंग करता है. ‘स्पेशल सेल फॉर वुमेन’ से रिकॉर्ड तलब कर समीक्षा भी की जाती है.

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