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एप्रोच लाइट से पायलट को चार किमी दूर से ही दिखेगा पटना एयरपोर्ट का रनवे

पटना : शनिवार की दोपहर 12 बजे से पटना एयरपोर्ट पर 420 मीटर लंबे एप्रोच लाइट का इस्तेमाल शुरू हो गया. इससे पायलट को अब रनवे ऊपर आसमान में चार किमी दूर से ही दिखने लगेगा और 1000 मीटर की विजिबिलिटी पर भी लैंड करना संभव होगा. इससे धुंध के समय लैंडिंग में विशेष सहूलियत […]

पटना : शनिवार की दोपहर 12 बजे से पटना एयरपोर्ट पर 420 मीटर लंबे एप्रोच लाइट का इस्तेमाल शुरू हो गया. इससे पायलट को अब रनवे ऊपर आसमान में चार किमी दूर से ही दिखने लगेगा और 1000 मीटर की विजिबिलिटी पर भी लैंड करना संभव होगा. इससे धुंध के समय लैंडिंग में विशेष सहूलियत होगी और कम दृश्यता के कारण कैँसिल और डायवर्ट होने वाले विमानाें की संख्या घट जायेगी.
नये सिरे से बिछायी गयीं एप्रोच लाइटें : एप्रोच लाइट का विस्तार करने का पिछले वर्ष भी प्रयास हुआ था. इसके लिए एयरपोर्ट परिसर के साथ-साथ पटना जू और पीर अली पथ में भी लाइट लगाया गया था, लेकिन गलत लाइन पर लग जाने के कारण इन्हें डीजीसीए से इस्तेमाल की स्वीकृति नहीं मिली.
इस वजह से पिछले माह इन्हें नये सिरे से बिछाया गया. पहले दो एप्रोच लाइट के बीच की दूरी केवल 30 मीटर रखी गयी थी क्योंकि रनवे के किनारे 210 मीटर एप्रोच लाइट लगी थी. अब एप्रोच लाइट की लंबाई 420 मीटर हो गयी है, जिसे अगले साल बढ़ा कर 720 मीटर की जानी है. दो लाइटों के बीच की दूरी बढ़ा कर दोगुना कर दी गयी है. पुराने 210 मीटर एप्रोच लाइट को भी बीच से एक-एक लाइट बंद कर इस्तेमाल किया जायेगा.
शुरू हुआ इस्तेमाल
नवंबर के मध्य तक नये एप्रोच लाइट का इंस्टॉलेशन पूरा हो गया था. इंंस्टॉलेशन के बाद डीजीसीए को संबंधित दस्तावेजों व साइट मैप के साथ कमीशन करने के लिए आग्रह पत्र भेजा गया.
डीजीसीए की स्वीकृति का पत्र विगत शुक्रवार की शाम को पटना एयरपोर्ट प्रशासन को मिला और शनिवार की दोपहर 12 बजे से इसका इस्तेमाल शुरू हो गया.
रद्द होने वाले विमानों की संख्या हो जायेगी आधी
अब से पहले तक 210 मीटर एप्रोच लाइट के ही इस्तेमाल की वजह से 1200 मीटर से कम दृश्यता की स्थिति में विमान नहीं उतर पाते थे. इसकी वजह से दिसंबर-जनवरी में विमानों की लैंडिंग में बहुत परेशानी होती थी क्योंकि दोपहर बारह-एक बजे के बाद ही दृश्यता 1200 मीटर के ऊपर जा पाती थी.
तब तक पटना एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग नहीं हो पाती थी और उन्हें डायवर्ट करना पड़ता था. इसके कारण हर दिन कई विमानों को रद्द भी करना पड़ता था. लेकिन, दृश्यता में 200 मीटर के सुधार के बाद अब ऐसे विमानों की संख्या घट कर आधी रह जायेगी.
– तकनीकी खराबी से चार घंटे देर से उड़ी स्पाइस जेट की फ्लाइट
तकनीकी खराबी की वजह से स्पाइस जेट की पटना से गौहाटी जानेवाली फ्लाइट शनिवार को चार घंटे देर से उड़ी. सुबह 10.45 बजे स्पाइसजेट की फ्लाइट पटना से गुवाहाटी जाने वाली थी कि उसमें ट्रांजिट इंस्पेक्शन के दौरान तकनीकी खराबी का पता चला. विमान के तकनीकी खराबी को ठीक करने के बाद उसे दोपहर तीन बजे गुवाहाटी भेजा गया.

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