पटना : पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, वैसे ही राजनीतिक गर्माहट के साथ मारपीट व हिंसक झड़पें भी तेज हो गयी हैं. गुरुवार की शाम पटना वीमेंस कॉलेज गेट पर भी जम कर मारपीट हुई. इस दौरान हॉकी-डंडे और धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया. छात्रों के एक गुट ने पीयू छात्र संघ के निवर्तमान अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज पर हमला बोल दिया. दिव्यांशु को बुरी तरह से मारा पीटा गया है. करीब आधे घंटे तक चली मारपीट में दिव्यांशु लहूलुहान हो गया. दिव्यांशु के सिर में गंभीर चोट आयी है.
पटना वीमेंस काॅलेज के सामने की सड़क पर अफरा-तफरी मच गयी. इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गयी. जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस के पहुंचते ही हमलावर छात्र फरार हो गये. वहीं घायल दिव्यांशु को पीएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. दिव्यांशु के साथ उसके अन्य समर्थक भी घायल हुए हैं. पीएमसीएच में प्राथमिक उपचार के बाद दिव्यांशु कोतवाली पहुंचा. इसके बाद दिव्यांशु ने घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. इसके बाद दिव्यांशु के आवेदन पर कोतवाली पुलिस ने एबीवीपी के सात सदस्याें पर मामला दर्ज किया है. पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है. पुलिस ने आरोपितों की तलाश में छापेमारी भी की है.
अध्यक्ष बनने से पहले एबीवीपी का सदस्य रह चुका है दिव्यांशु
गुुरुवार को घटना उस समय हुई जब दिव्यांशु छात्र जदयू प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगने के लिए अपने लोगों के साथ पटना वीमेंस कॉलेज पहुंचा था. गेट पर निकलते ही उसके साथ मारपीट की गयी. मारपीट करने वाले अपने गले में भगवा रंग की पट्टी बांधे हुए थे. ऐसा माना जा रहा है कि मारपीट करने वाले एबीवीपी के सदस्य थे. यहां बता दें कि दिव्यांशुु पहले एबीवीपी का सदस्य था, फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उसने पीयू में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बना. इसके बाद वह जदयू में शामिल हो गया. अब पीयू में छात्र जदयू के प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार-प्रसार कर रहा है.
दो दिन पहले छात्र जदयू ने जन अधिकार छात्र परिषद समर्थकों को भगाया था
दो दिन पहले ही दरभंगा हाउस में शाम के वक्त छात्र जदयू ने जन अधिकार छात्र परिषद के समर्थकों को प्रचार करने के दौरान खदेड़ दिया था. हालांकि उस दिन पुलिस की पहल पर मामला शांत हो गया था. वहीं बुधवार को बीएन कॉलेज में भी झड़प हुई थी. यहां बता दें कि पटना विश्वविद्यालय में आगामी 5 दिसंबर को मतदान होना है. लेकिन, इसको लेकर प्रशासन और स्थानीय जिला प्रशासन कितना तैयार है इसका अंदाजा हालिया घटनाओं से लगाया जा सकता है.