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पटना : नलकूप की जांच रिपोर्ट 15 दिनों में मिले अवहेलना करने वालों पर हो कार्रवाई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिये निर्देश पटना : नलकूप की जांच रिपोर्ट 15 दिनों में मिले. कार्यपालक अभियंता रिपोर्ट मिलने संबंधी कार्यवाही की मॉनीटरिंग करें. विभागीय पोर्टल पर कार्यपालक अभियंता इसकी जानकारी दें. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाये. ये निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है. वे गुरुवार […]

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिये निर्देश
पटना : नलकूप की जांच रिपोर्ट 15 दिनों में मिले. कार्यपालक अभियंता रिपोर्ट मिलने संबंधी कार्यवाही की मॉनीटरिंग करें. विभागीय पोर्टल पर कार्यपालक अभियंता इसकी जानकारी दें. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाये. ये निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है. वे गुरुवार को बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत अनुदान की ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का शुभारंभ करने के बाद बोल रहे थे. इसका आयोजन एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में किया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्षा की कमी से भू-जलस्तर में कमी आयी है. इसलिए 70 मीटर और 100 मीटर के निर्धारित पैमाने की रिव्यू करनी चाहिए.
आवश्यकता हो तो ज्यादा स्तर तक की गहराई के नलकूप के लिए भी योजना बनायी जाये. उन्होंने कहा कि पुराने सरकारी नलकूपों को रिपेयर कराकर निजी हाथों में सौंपने के सरकार के निर्णय को गंभीरतापूर्वक लागू करें. ग्राम पंचायत के माध्यम से इस काम को और बेहतर ढंग से कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग को और इंजीनियर की जरूरत हो तो बहाल करें और सभी का काम ठीक ढंग से निर्धारित हो और उसका उपयोग हो.
प्रधान सचिव ने क्या कहा
लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सिंचाई के साधन विकसित होने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. इसके लिए सभी प्रखंडों में निजी नलकूप योजना की शुरुआत की गयी है. ऑनलाइन आवेदन के 15 दिनों के अंदर इसे स्वीकृति मिलेगी. आवेदन स्वीकृति के 45 दिनों के अंदर नलकूप गाड़कर अॉनलाइन भुगतान के लिए दावा किया जा सकेगा.
21 दिनों के अंदर की गयी बोरिंग की जांचकर राशि का भुगतान बैंक खाते में किया जायेगा. 70 मीटर की गहराई के नलकूप के लिए 328 रुपये प्रति मीटर की दर से 15 हजार रुपये, 100 मीटर तक की गहराई के नलकूप के लिए 597 रुपये प्रति मीटर की दर से अधिकतम 35 हजार रुपये अनुदान के रूप में दिये जायेंगे. किसान की अपने नाम से कम से कम 40 डिसमिल कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए.
ये रहे मौजूद
बैठक में लघु जल संसाधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित लघु जल संसाधन विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन भुगतान से व्यवस्था में पारदर्शिता आयेगी. किसानों को लाभ सीधे उनके खाते में जायेगा. किसानों के लिए बिजली की दर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दी गयी है. वर्ष 2019 के अंत तक अलग से कृषि फीडरों का निर्माण कर लिया जायेगा.

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