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पटना : प्लास्टिक बेबी से भी दीपक तक नहीं पहुंचा जा सका, इधर, बच्चा मिलने की अफवाह के बीच निकला मवेशी का शव

आउट फॉल चेंबर से महज बीस मीटर बह कर फंस गया पुतला पटना : बच्चा लापता होने के चौथे दिन रेस्क्यू टीम ने प्लास्टिक बेबी के जरिये दीपक की तलाश शुरू की. प्लास्टिक बेबी (पुतला) महज बीस मीटर बह कर अटक गया. दरअसल एक्सपर्ट की राय थी कि इसके जरिये नाले में बहे दीपक तक […]

आउट फॉल चेंबर से महज बीस मीटर बह कर फंस गया पुतला
पटना : बच्चा लापता होने के चौथे दिन रेस्क्यू टीम ने प्लास्टिक बेबी के जरिये दीपक की तलाश शुरू की. प्लास्टिक बेबी (पुतला) महज बीस मीटर बह कर अटक गया. दरअसल एक्सपर्ट की राय थी कि इसके जरिये नाले में बहे दीपक तक पहुंचा जा सकता है. पुतले को पानी बहाव की उसी रफ्तार में बहाया गया, जिसमें बच्चा बह कर अभी तक लापता है.
मंगलवार की सुबह 11 बजे से शाम के 3:30 बजे तक प्लास्टिक बेबी के जरिये ऑपरेशन संचालित किया. सुबह से शाम तक रेस्क्यू टीम मशक्कत करती रही. लेकिन, लापता बच्चा बरामद नहीं किया जा सका. प्लास्टिक बेबी के सहयोग से जब बच्चा नहीं मिला, तो शाम 4:00 बजे निगम प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ व एसडीअारएफ ने ऑपरेशन की रणनीति बदली. फिर नाला तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गयी. नाला तोड़ने के बाद देर रात्रि तक सफाई अभियान चलाया गया, ताकि बच्चा मिल सके. बावजूद शनिवार को आउट फॉल चेंबर में गिरे दीपक का सुराग नहीं मिल सका है.
नाले में फंस गयी प्लास्टिक बेबी
10 वर्षीय बच्चे का जितना वजन होता है. उसी अनुरूप एसडीआरएफ की टीम ने प्लास्टिक बेबी का वजन किया. इसके बाद दिन के 12:05 बजे मोहनपुर संप हाउस को चालू किया गया, ताकि पानी के बहाव में प्लास्टिक बेबी को छोड़ा जाये. आउट फॉल चेंबर में पानी के प्रेशर बढ़ने के बाद प्लास्टिक बेबी को चेंबर में गिराया गया, ताकि पानी के बहाव के साथ प्लास्टिक बेबी चले. लेकिन, आउट फॉल चेंबर से 20 मीटर पर ही बेबी फंस गया.
…इसके बाद एसडीआरएफ के दो जवान राम कुमार व रवि कुमार को नाले में उतरा गया, हालांकि, दोनों एसडीआरएफ के जवानों को बेबी नहीं मिली और रस्सी लेकर चेंबर से निकले. फिर रस्सी के जरिये फंसे प्लास्टिक बेबी को निकाला गया.
250 फुट नाले के बीच से नहीं गुजर सकी टीम
आउट फॉल चेंबर से पहले चेंबर तक सफलता पूर्वक एसडीआरएफ के जवान निकल गये और प्लास्टिक बेबी को भी निकाला गया. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम पहले चेंबर में प्लास्टिक बेबी को गिराया, तो 250 फुट पर तोड़े गये नाला तक पहुंच सके.
लेकिन, प्लास्टिक बेबी बार-बार चार-पांच मीटर पर फंस जा रही थी. प्लास्टिक बेबी के फंसने के बाद दुबारा एसडीआरएफ के रवि कुमार व राम कुमार को नाले में उतारा गया. दोनों जवान नाले में घुस कर आगे बढ़ा, तो रास्ते में बकरे के बच्चे का शव मिला. इसके आगे जाने के बदले जवान लौट गये.
पटना : बच्चा मिलने की अफवाह के बीच निकला मवेशी का शव
पटना : निगम की टीम ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते हुए आउट फॉल चेंबर से इंदिरा भवन के पीछे और आनंदपुरी नाले में खोजबीन शुरू की. रेलवे लाइन से गुजरे नाले में कहीं बच्चा बरामद नहीं किया जा सका. वहीं, दूसरी टीम ने आनंदपुरी नाले में करीब एक किलोमीटर तक ऑपरेशन चलाया.
इसी दौरान आनंदपुरी नाले में एक मवेशी का शव मिला. इससे लगा कि बच्चा मिला गया.इसकी अफवाह एसके पुरी स्थित अधिकारियों के कैंप तक पहुंची और फिर निगम मुख्यालय में भीकर्मचारी चर्चा करने लगे. लेकिन, 10 मिनट में अफवाह गलत साबित हुई और फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.
– देर रात्रि तक चलाया गया अभियान : प्लास्टिक बेबी के सहयोग से रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली, तो रणनीति में बदलाव किया गया. निगम के कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार, उप नगर आयुक्त विशाल आनंद, कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार के साथ-साथ एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के अधिकारियों ने विमर्श कर 50 मीटर आगे तक नाले को तोड़ने का निर्णय लिया और नाला तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गयी. नाला तोड़ने के बाद डीसिल्टिंग मशीन के जरिये नाले की सफाई शुरू की गयी. इसके बाद खबर लिखने तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन बच्चे की सुराग नहीं मिला.

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