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बिहार कैबिनेट : सूखे से निपटने के लिए 1400 करोड़ स्वीकृत, सड़कों के मेंटेनेंस पर खर्च होंगे 6654 करोड़

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 34 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. बैठकमें सूखे से निपटने के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. सूबे के 69 और प्रखंडों को सरकार ने सूखाग्रस्त घाेषितकरनेनिर्णय लिया है. जिसके बाद अब प्रदेश में सूखाग्रस्त प्रखंडों […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 34 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. बैठकमें सूखे से निपटने के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. सूबे के 69 और प्रखंडों को सरकार ने सूखाग्रस्त घाेषितकरनेनिर्णय लिया है. जिसके बाद अब प्रदेश में सूखाग्रस्त प्रखंडों की संख्या 206 से बढ़कर 275 हो गयी है.साथ ही सूखे से निपटने के लिए कैबिनेट ने 1400 करोड़ रुपये स्वीकृत किये है.

वहीं, बिहार में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार सड़कों को दुरुस्त रखने के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी ओपीआरएमसी के तहत 13 हजार 64 किलोमीटर सड़कें दुरुस्त होगी. पॉलिसी में शामिल सड़कों का सात साल तक मेंटेनेंस होगा. सड़कों के मेंटेनेंस पर 6654 करोड़ खर्च होंगे. शनिवार को कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी. मेंटेनेंस पॉलिसी में 1445 सड़कों को शामिल किया गया है. इसमें स्टेट हाइवे व जिला सड़कें शामिल है. मेंटेनेंस पॉलिसी दिसंबर 2018 के बाद शुरू होगी जाे 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू रहेगी. वर्तमान मेंटेनेंस पॉलिसी में मरम्मत हो रही सड़कों का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड(डीएलपी) समाप्त होने के बाद उन सड़कों को नयी मेंटेनेंस पॉलिसी में शामिल किया जायेगा.

सड़कों को अधिक समय तक चकाचक व स्पॉटलेस रखने के लिए नयी पथ संधारण नीति (बिहार पथ आस्तियां अनुरक्षण नीति) 2013 लागू है. सड़कों को चकाचक व स्पॉटलेस रखने के लिए लॉंग टर्म आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोड एसेट्स मेंटेनेंस कांट्रैक्ट (ओपीआरएमसी) पॉलिसी के तहत सड़कों का रख रखाव हो रहा है. मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत अब कांट्रैक्टरों को सात साल के लिए सड़कों के रख-रखाव का काम मिलेगा. इसमें उत्तर बिहार की 7741 किलोमीटर सड़कों के मेंटेनेंस पर 3623 करोड़ 27 लाख खर्च होंगे. वहीं दक्षिण बिहार की 5331 किलोमीटर सड़कों के मेंटेनेंस पर 3031 करोड़ 49 लाख खर्च होंगे.

वर्तमान में मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत कांट्रैक्टरों को पांच साल तक सड़कों के रख-रखाव की जिम्मेदारी है. सड़कों के रख-रखाव के लिए बनी मेंटेनेंस पॉलिसी पांच साल के लिए 2013 में बनी थी. दिसंबर 2018 में पॉलिसी की समय-सीमा खत्म हो रही है.अभी 75 पैकेज में सात हजार किलोमीटर सड़कों का रख-रखाव हो रहा है. सड़कों के रख-रखाव पर 2600 करोड़ खर्च हो रहा है. इसमें पांच साल तक सड़कों का मेंटेनेंस हो रहा है. पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार सड़कों को दुरुस्त रखने के लिए अब सात साल तक सड़कों का मेंटेनेंस हाेगा. पहली बार सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 6554 करोड़ राशि स्वीकृत हुई है.

ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस लिए बनी पॉलिसी
ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस के लिए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनायी गयी बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गयी. इसके तहत सभी ग्रामीण सड़कों का मेंटेनेंस होगा. सड़कों के मेंटेनेंस पर दो हजार करोड़ खर्च होंगे.

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