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पटना : डाटा इंट्री ऑपरेटरों के नियमितीकरण पर विभागों से मिला परामर्श
पटना : बेल्ट्रॉन के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा पर रखे गये डाटा इंट्री ऑपरेटरों को सरकारी तर्ज पर सुविधाएं देने का रास्ता आसान हो गया है.साढ़े आठ हजार से अधिक डाटा इंट्री ऑपरेटरों के लिए उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी के सामने विभिन्न विभागों ने अपनी राय रखी. बता दें […]
पटना : बेल्ट्रॉन के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा पर रखे गये डाटा इंट्री ऑपरेटरों को सरकारी तर्ज पर सुविधाएं देने का रास्ता आसान हो गया है.साढ़े आठ हजार से अधिक डाटा इंट्री ऑपरेटरों के लिए उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी के सामने विभिन्न विभागों ने अपनी राय रखी. बता दें कि समिति ने जो भी अनुशंसाएं की हैं, उसको लेकर मुख्यमंत्री ने पुनर्विचार के लिए पिछले माह ही कहा था. कैबिनेट में भी इस प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी है. सेवा प्रदाता बेल्ट्रॉन के माध्यम से डेटा इंट्री ऑपरेटरों की सेवा के संदर्भ में सभी विभागों से परामर्श कर उच्च स्तरीय समिति को रिपोर्ट बनानी है.
इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिवों को गुरुवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में बुलाया था. यहां सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिवों ने परामर्श दिया. सूत्रों ने बताया कि अब समिति अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. इसी माह के अंतिम सप्ताह तक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने की उम्मीद जतायी जा रही है.
समिति के पास आ गया है ब्योरा
दूसरी ओर, संविदाकर्मियों की सेवा नियमितीकरण के मामले में उच्चस्तरीय समिति एक बार फिर जुट गयी है. विभिन्न विभागों के छूटे हुए संविदाकर्मियों का ब्योरा समिति के पास आ गया है.
उसका अध्ययन करने के बाद समिति इसको लेकर रिपोर्ट बनायेगी. उम्मीद है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देगी. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नियोजित कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया है.
सात अगस्त को समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी. समिति ने सभी योजना, विभाग के तहत कार्यरत प्रत्येक श्रेणी के संविदा कर्मियों के संबंध में अनुशंसा की है. कुछ विभागों के अधीन बोर्ड, निगम, प्राधिकार में कार्यरत संविदा नियोजित कर्मियों के बारे में कोई प्रतिवेदन नहीं मिला था.
इसलिए समिति ने इन लोगों के लिए अपनी रिपोर्ट में कोई अनुशंसा नहीं की. अब सभी विभागों से परामर्श करते हुए इनके संबंध में पुनर्विचार कर अनुशंसा करने के लिए उच्च स्तरीय समिति को रिपोर्ट वापस की गयी है. अब समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी के साथ ही पूरी टीम रिपोर्ट बनाने की तैयारी में जुट गयी है.
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