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पटना : शहर के कचरे से बिजली, पानी और डीजल बनायेगी कंपनी
नगर निगम ने अमेरिकी कंपनी एजी डॉटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड से किया करार पटना : नगर निगम ने शहर से निकलने वाले कचरे के निष्पादन के लिए इस बार आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने वाली अमेरिकी कंपनी एजी डॉटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया. इसकी खास बात है कि इसमें नगर […]
नगर निगम ने अमेरिकी कंपनी एजी डॉटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड से किया करार
पटना : नगर निगम ने शहर से निकलने वाले कचरे के निष्पादन के लिए इस बार आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने वाली अमेरिकी कंपनी एजी डॉटर्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया. इसकी खास बात है कि इसमें नगर निगम कंपनी को कचरा देगी. कंपनी उसके बदले निगम को पैसा देगा. कचरा प्रबंधन का करार करने वाली कंपनी कचरा उत्पादों मसलन पानी, बिजली और डीजल को बेचकर कमायेगा. इसी को लेकर सोमवार को नगर निगम और कंपनी के बीच एमओयू हस्ताक्षर किया गया. इस दौरान मेयर सीता साहू, नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन के अलावा कंपनी के डायरेक्टर अजय गिरोत्रा और पुष्पराज सिंह मौजूद थे.
देगा कचरा
करार के मुताबिक निगम कंपनी को कचरा देगा. कंपनी शहर के सेकेंडरी डंपिंग यार्ड से रामाचक बैरिया में कचरा ले जायेगा. वहां प्लांट में कचरे से बिजली उत्पादन के अलावा बगैर कार्बन युक्त डीजल और शुद्ध पानी उत्पादन का काम करेगी. प्रोजेक्ट की सबसे खास बात है कि इस सारे प्रोसेस के बाद कुछ भी बेकार नहीं बचेगा. पूरे प्रोजेक्ट पर कंपनी व नगर निगम के बीच 25 वर्ष के लिए करार किया गया है.
मात्र पांच एकड़ में रहेगा प्लांट, ट्रांसफर स्टेशन भी बनेगा : शहर का मुख्य डंपिंग यार्ड रामाचक बैरिया में है. 70 से 72 एकड़ जमीन पर पूरे शहर का कचरा डंप होता है, लेकिन नये प्लांट की खासियत है कि पूरा प्रोजेक्ट मात्र पांच एकड़ में भी लग जायेगा. इस प्रोजेक्ट से किसी प्रकार की फ्लू गैसों का कोई उत्सर्जन नहीं होगा. कंपनी मुख्य डंपिंग यार्ड के अलावा शहर में छह जगह कचरा ट्रांसफर स्टेशन भी बनायेगी.
आधी कीमत पर बिजली, पानी और डीजल का उत्पादन
कंपनी लैंगेनबर्न तकनीक का उपयोग कर कचरे का निष्पादन करेगी. इसमें उसको प्रतिदिन 1200 मीटरिक टन कचरे का उपयोग करना है. करार के तहत नगर निगम कंपनी को प्रतिदिन 770 मीटरिक टन कचरा देगी, जबकि वहां पड़े 500 मीटरिक टन कचरे का उपयोग कंपनी करेगी. नगर निगम जो कचरा कंपनी को देगी उससे निगम को लगभग 20 करोड़ प्रति वर्ष राजस्व की प्राप्ति होगी. प्लांट को 90 दिनों में शुरू होगा और 12 माह में प्रोजेक्ट से उत्पादन शुरू हो जायेगा.
दो लाख लीटर पीने योग्य पानी का उत्पादन : कंपनी प्रतिनिधि ने बताया कि प्लांट से 280 मेगावाट प्रति घंटे बिजली का उत्पादन होगा. इसके अलावा प्रतिदिन ताजा दो लाख लीटर पीने योग्य पानी और शून्य कार्बन डीजल या खाना पकाने वाली दो लाख लीटर गैस का उत्पादन होगा. इससे डीजल या एलपीजी गैस का कीमत कम होगी.
दिल्ली के बाद पटना, 3540 करोड़ रुपये का निवेश : इस तरह के नये प्लांट योजना की शुरुआत दिल्ली के गाजीपुर संयंत्र के बाद पटना में किया जा रहा है. दावा है कि पटना में दुनिया में दूसरा बड़ा अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने का प्लांट होगा. वहीं दिल्ली के मामले में पटना का प्रोजेक्ट नगर निगम के लिए अधिक फायदेमंद हैं, क्योंकि पटना के प्रोजेक्ट में कंपनी निगम को पैसा भी दे रही है जो दिल्ली वाले प्रोजेक्ट में नहीं है.
खास बातें
प्लांट लगानेके लिए
नवंबर में आयेगी यूएसए के कंपनी की टीम
12 माह के बाद निगम के कचरा लेना शुरू करेगी कंपनी, 770 रुपये प्रति टन के हिसाब से देगी पैसा
पांच लाख 39 हजार प्रतिदिन कचरा बेच के कमायेगा निगम
प्लांट से 280 मेगावाट प्रति घंटे बिजली उत्पादन
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