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एफआईआर की कॉपी लेने में लगे डेढ़ साल

पटना : आला अधिकारी पुलिस को ‘मित्र पुलिस’ बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन पुलिस है कि अपना चेहरा बदलने को तैयार नहीं है. दरभंगा के थाना लहेरियासराय क्षेत्र में इंजीनियर राम जतन महतो 5 फरवरी, 2017 को किराये के मकान में मृत पाये गये थे. मामले में एफआईआर तो हुई, लेकिन परिजनों को […]

पटना : आला अधिकारी पुलिस को ‘मित्र पुलिस’ बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन पुलिस है कि अपना चेहरा बदलने को तैयार नहीं है. दरभंगा के थाना लहेरियासराय क्षेत्र में इंजीनियर राम जतन महतो 5 फरवरी, 2017 को किराये के मकान में मृत पाये गये थे. मामले में एफआईआर तो हुई, लेकिन परिजनों को उसकी कॉपी ही नहीं दी गयी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली. वरीय एसपी ने तो यह तक कह दिया कि विसरा की जांच में एक साल से भी अधिक समय लग जायेगा. सोमवार को पीड़िता एडीजी कानून व्यवस्था आलोक राज और एडीजी सीआईडी विनय कुमार से मिली, तब जाकर 17 जुलाई, 2018 को एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध करायी गयी. पुलिस की इस लापरवाही के कारण इंजीनियर की विधवा को बीमा तक का पैसा नहीं मिला है.

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