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प्रभात खबर से खास बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, मां व गाय से गांवों को बनायेंगे समृद्ध

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह माई (मां) और गाई (गाय) के सहारे गांवों को समृद्ध बनाने के अभियान में जुटे हैं. वे मंगलवार कोपटना स्थित प्रभात खबर के कार्यालय पहुंचे और विस्तार से अपने अभियान और गांवों की आर्थिक उन्नति के लिए कि ये जा रहे प्रयास, अपनी सोच […]

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह माई (मां) और गाई (गाय) के सहारे गांवों को समृद्ध बनाने के अभियान में जुटे हैं. वे मंगलवार कोपटना स्थित प्रभात खबर के कार्यालय पहुंचे और विस्तार से अपने अभियान और गांवों की आर्थिक उन्नति के लिए कि ये जा रहे प्रयास, अपनी सोच और विजन पर बात की. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक उन्नति में गांव, किसान के साथ-साथ माई और गाई की बड़ी भूमि का होगी.
भाजपा के फायर ब्रांड माने जाने वाले गिरिराज सिंह ने राजनीतिक सवालों पर कुछ खास नहीं कहा. बस इतना ही कहा कि मोदी सरकार सबका, साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है.कश्मीर के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी ने देशहित में कदम उठाया है. उन्होंने पार्टी के फैसले का पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए और जीडीपी बढ़ाने के लिए गांवों को समृद्ध करना जरूरी है. गांवों की समृद्धि का रास्ता गांव से ही निकलेगा. उद्यमिता को अपनाकर, महिलाओं व नौजवानों को उससे जोड़कर गांवों को समृद्ध किया जा सकता है. शहरों की ग्रोथ तो हुई लेकिन अब जरूरत गांवों को समृद्ध करने की है.
अपने संसदीय क्षेत्र नवादा के खनवां गांव की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि आज वहां की महिलाएं सोलर चरखे के जरिये महीने में छह से दस हजार रुपये तक कमा रही हैं. खनवां मॉडल का विस्तार किया जायेगा. परंपरागत काम को तकनीक से जोड़कर आर्थिक उन्नति का रास्ता खुलेगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में केंद्र सरकार जुटी है. नये उद्यमियों को कई तरह की सुविधा व सहायता दी जा रही है. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री को भी प्रमोट कर रहा है.
गोबर व गौ मूत्र बनेगा लाभकारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं का गांवों काे समृद्ध में अहम रोल तो होगा ही साथ ही गाय भी बड़ी कारक साबित होगी. गाय के दूध के अलावा गौ मूत्र और गोबर से भी अच्छी कमाई होगी. दूध से अधिक आमदनी गौमूत्र और गोबर से होगी. उन्होंने कहा कि इंसानी बालों से भी खाद तैयार होगी. सबसे अधिक रोजगार की संभावना ग्रामीण क्षेत्र में ही है. उनका मंत्रालय टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखकर गांवों से उसे जोड़ेगा. देश में चार साल में उनके मंत्रालय ने 94 कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निर्माण कराया है. उन्होंने गुजरात, बिहार सहित अन्य राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि उनके मंत्रालय से पांच लाख लोगों को रोजगार मिला है. उन्होंने कहा कि गांव की महिलाएं घर का और अपना परंपरागत काम करते हुए छह से 10 हजार तक कमा सकती हैं.

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