अररिया : चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में एनडीए के नेता हवा का रुख मोड़ने में नाकाम रहे. नतीजा ये हुआ कि जदयू का तीर निशाने से चूक गया, जबकि लोकसभा सभा उपचुनाव के बाद से जिले में जली राजद के लालटेन की रोशनी और तेज हो गयी.
गौरतलब है कि जोकीहाट विधानसभा उप चुनाव में राजद व जदयू सहित कुल नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. हालांकि, बीते दिनों हुए अररिया लोकसभा उपचुनाव के नतीजे के आधार पर व विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही चर्चाओं व मतदाताओं के रुझान से ये स्पष्ट संकेत मिल रहा था कि राजद का पलड़ा भारी रहेगा. आम राय यही थी कि प्रत्याशी शाहनवाज को स्वर्गीय सांसद तसलीमुद्दीन का पुत्र व वर्तमान सांसद सरफराज आलम के भाई होने के कारण भी राजनीतिक लाभ मिलेगा.
वहीं, हवा के रुख को भांपने के बावजूद जदयू व एनडीए आसानी से न केवल हथियार डालने को तैयार नहीं थे, बल्कि हवा के रुख को मोड़ने के लिए एनडीए ने अपनी पूरी जमात चुनाव प्रचार में उतार दी थी. मिली जानकारी के अनुसार राज्य के जिन मंत्रियों ने जदयू प्रत्याशी के पक्ष में सघन प्रचार किया उनमें कपिल देव कामत, दिनेश चंद्र यादव, नंद किशोर यादव, रमेश ऋषिदेव, शैलेष कुमार व महेश्वर हजारी शामिल रहे.
साथ ही राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह भी प्रचार के लिए पहुंचे. साथ ही लेसी सिंह, दुलाल चंद गोस्वामी, डा खालिद अनवर, तनवीर अखतर व डा अशोक चौधरी सहित डेढ़ दर्जन से अधिक विधायक व विधान पार्षद पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जदयू प्रत्याशी के पक्ष में अपनी ताकत झोंकते रहे. यहां तक कि राज्य के मुखिया व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार खुद भी विधानसभा क्षेत्र के उदाहाट में प्रचार के लिए पहुंचे थे, जबकि जानकार कहते हैं कि जदयू के मुकाबले राजद का चुनाव प्रचार बहुत हद तक कमजोर था.
प्रत्याशी के नामांकन के दिन तो पार्टी के कई बड़े नेता पहुंचे थे. पर चुनाव प्रचार के दौरान रामचंद्र पूर्वे, मंगनी लाल मंडल व एमए फातमी सरीखे कुछ गिने चुने पार्टी नेता ही क्षेत्र भ्रमण करते रहे. अलबत्ता राजद सुप्रीमो लालू यादव के पुत्र व विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उदा हाट व सोहंदर हाट में दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया. गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान जदयू व एनडीए के हर छोटे-बड़े नेता के निशाने पर लालू परिवार के साथ तसलीमुद्दीन परिवार भी रहा था पर चुनाव परिणाम से ये स्पष्ट होता है कि जदयू नेताओं द्वारा लगाये गये किसी भी आरोप को क्षेत्र के मतदाताओं ने तवज्जो नहीं दी.