पटना: बिहार के बहुचर्चित इंटर स्तरीय पदों के लिए ली गयी प्रतियोगिता परीक्षा का पर्चा लीक मामले में शामिल बिहार कर्मचारी चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार सहित चौदह अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट ने किसी भी प्रकार का राहत देने से साफ तौर पर इंकार करते हुए नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार सहित चौदह अन्य की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर एक साथ सुनवाई करने के बाद बुधवार को सुनाये गये फैसले में उक्त निर्देश दिया.
सुनवाई के क्रम में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अजय मिश्रा ने अदालत को बताया था कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिये गये प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अनुसंधान के क्रम में कई अहम सबूत मिले हैं. अदालत को बताया गया था कि इस कांड में अभियुक्त बनाये गये आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार, अटल बिहारी राय, अवधेश कुमार, गुड्डू कुमार, अनिश कुमार उर्फ गोलू, अविनाश कुमार, मुकेश कुमार, ओम प्रकाश गुप्ता, अरूण कुमार, नीति रंजन प्रताप, राम सुमेर सिंह, गौरीशंकर साह, मंजु देवी दिनेश कुमार आजाद आदी अभियुक्तों की संलिप्तता उजागर हुई है.
अदालत को बताया गया था कि इन लोगों द्वारा हजारीबाग से प्रश्नपत्र लाकर व्हाट्सअप एवं अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से पर्चा लीक कर वितरित किया गया है. अनुसंधान के क्रम में उजागर हुए तथ्यों का बारीकी से एक-एक कर अदालत के समक्ष खुलासा किया गया था. वहीं, दूसरी ओर अभियुक्तों की ओर से अदालत को बताया गया था कि इसमें सीधे तौर पर किसी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है और न ही इनके पास से कोई बरामदगी ही हुई है. अदालत ने बुधवार को दिये फैसले में कहा कि अभियुक्तों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया संलिप्तता का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है ऐसे में जमानत दिया जाना संभव नहीं प्रतीत होता है.
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