पटना: बिहार में बदली सत्ता के बाद राजद के पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों से आवास खाली कराने के सरकार के आदेश पर पटना हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
गौरतलब है कि सूबे में सत्ता परिवर्तन होने के बाद महागठबंधन के मंत्रियों चंद्रिका राय, अब्दुल गफूर, अब्दुल बारी सिद्दीकी तथा विधायक शिवचंद्र राम सहित पांच को बिहार भवन निर्माण विभाग से गत 20 सितंबर 2017 को एक नोटिस जारी किया गया. जिसमें इन लोगों को एक माह के भीतर आवास खाली कराने का निर्देश दिया गया था. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार द्वारा पूर्व मंत्रियों को इतने कम समय में आवास खाली कराने कानिर्देश दिया जाना न्यायोचित नहीं है.
नवनिर्वाचित मंत्रियों की दीपावली पुराने फ्लैट्स में ही मनानी पड़ेगी
बिहार में सरकारी बंगले को लेकरजारी घमासान के बीच आलम यह है कि नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की दीपावली इस बार उनके पुराने बंगले में ही मनेगी. बार-बार नोटिस मिलने के बाद भी पूर्व सरकार में मंत्री रहे नेता बंगला खाली करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. बताया जाता है कि इस बात से सबसे ज्यादा दुखी नीतीश कैबिनेट के नवनिर्वाचित मंत्री हैं, क्योंकि उन्हें दीपावली अपने पुराने फ्लैट्स में ही मनानी पड़ेगी.