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इस दीपावली दें यह अनोखा उपहार, जो लड़कियों के चेहरे पर लायेगा मुस्कान

दीपावली पर आप अपनों को उपहार देना चाहते हैं और यही हमारी परंपरा भी है. लेकिन क्या आप दीपावली गिफ्ट खरीदते वक्त उसकी उपयोगिता पर विचार करते हैं. उपहार हमेशा अनोखा होना चाहिए, ताकि जिसे उपहार मिले उसके चेहरे पर मुस्कान खिल जाये. इस दीवाली आप कुछ ऐसा कर सकते हैं. अगर आप अपने घर […]


दीपावली पर आप अपनों को उपहार देना चाहते हैं और यही हमारी परंपरा भी है. लेकिन क्या आप दीपावली गिफ्ट खरीदते वक्त उसकी उपयोगिता पर विचार करते हैं. उपहार हमेशा अनोखा होना चाहिए, ताकि जिसे उपहार मिले उसके चेहरे पर मुस्कान खिल जाये. इस दीवाली आप कुछ ऐसा कर सकते हैं. अगर आप अपने घर में काम करने वाली ‘मेड’ को दीपावली के अवसर पर पूरे साल का सेनेटरी नैपकिन गिफ्ट दें, तो ना सिर्फ वह खुश होगी, बल्कि इससे उसके स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा. साथ ही आपको एक व्यक्ति का जीवन सुधारने की आत्मिक संतुष्टि भी मिलेगी. तो संकोच ना करें इस दीवाली कम से कम एक लड़की को सेनेटरी नैपकिन गिफ्ट दें. भारत एक ऐसा देश है, जहां मात्र 12 प्रतिशत महिलाएं ही सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करती हैं बाकी लोग घरेलू नैपकिन पर निर्भर हैं. जिसके कारण अकसर उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है. कई तरह का संक्रमण उन्हें होता है. संक्रमण जब अधिक हो जाता है, तो गर्भाशय के कैंसर की आशंका बन जाती है. इस दीपावली आपके पास मौका है, अगर आप किसी एक महिला के जीवन को भी सुधार सकें, तो यह बड़ा अवसर होगा.

इस अवसर का सद्‌पयोग कर रही है बिहार की एक गैरसरकारी संस्था ‘नव अस्तित्व फाउंडेशन’. इस संस्था ने ‘स्वच्छ बेटियां, स्वस्थ समाज’ अभियान के तहत लोगों को प्रेरित किया है कि वे कम से कम एक लड़की को पूरे साल के लिए सेनेटरी नैपकिन इस दीपावली उपलब्ध करायें.

यह संस्था सेनेटरी नैपकिन का बैंक भी संचालित करती है. इस संस्था ने लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे दीपावली के अवसर पर अपने घर में काम करने वाली ‘मेड’ को पूरे साल के लिए सेनेटरी नैपकिन गिफ्ट करे, इसके लिए कोई भी इच्छुक व्यक्ति इस बैंक से सेनेटरी नैपकिन खरीद कर अपने घर में काम करने वाली मेड को दे सकता है. संस्था ने यह योजना पांच साल के लिए बनायी है. संस्था की फाउंडर अमृता सिंह ने बताया कि हमने ‘स्वच्छ बेटियां स्वच्छ समाज’ अभियान के तहत यह योजना बनायी है. जब हमने इस योजना को लॉन्च किया तो उम्मीद नहीं थी कि इतना अच्छा रिस्पांस हमें मिलेगा, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि हमें देश से ही नहीं विदेशों से भी लोगों का सहयोग मिल रहा है. कुछ लोग सामने आये हैं, जिनमें प्रमुख हैं-

सुंगधा : बिहार सरकार के लेबर डिपार्टमेंट में काम करती हैं. इन्होंने एक लड़की को दो साल के लिए सेनेटरी पैड मुफ्त देने की इच्छा जतायी और फाउंडेशन की योजना से जुड़ीं.
तपस्या चौबे: अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाली तपस्या चौबे भी नव अस्तित्व फाउंडेशन की योजना में शामिल हैं. इन्होंने भारत में अपने गांव(बेतिया) की पांच महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन देने की इच्छा जतायी ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे और उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो.
रत्ना प्रभा : नव अस्तित्व फाउंडेशन के अभियान से जुड़कर रत्ना प्रभा ने एक बच्ची को पूरे साल के लिए सेनेटरी नैपकिन देने की योजना बनायी है. उन्होंने बताया कि जब फाउंडेशन की योजना के बारे में उन्हें पता चला, तो उन्हें लगा दीपावली पर इससे बेहतर कोई उपहार नहीं होगा.
कादंबिनी सिन्हा : कादंबिनी सिन्हा अपनी मेड को सेनेटरी नैपकिन देती रही हैं, लेकिन यह हमेशा नहीं हो पाता था, अब वे फाउंडेशन की योजना से जुड़ गयी हैं और पूरे 12 पैकेट सेनेटरी नैपकिन एक लड़की को दीपावली पर गिफ्ट देंगी.
आभा चौधरी : आभा पेशे से शिक्षिका हैं. इन्होंने महिला अधिकारों पर हमेशा अपनी बात मजबूती से रखी है. वह भी नव अस्तित्व फाउंडेशन की योजना से जुड़ी हैं और एक लड़की को पूरे साल के लिए सेनेटरी नैपकिन देने के लिए आगे आयी हैं.
भावना शेखर : भावना शेखर पेशे से शिक्षिका हैं. साथ ही वह सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका भी हैं. इन्होंने नव अस्तित्व फाउंडेशन की इस योजना की तारीफ की और पूरे साल के लिए एक महिला को सेनेटरी नैपकिन देने की योजना में शामिल है.

डॉ बिंदा सिंह : डॉ बिंदा सिंह भी नव अस्तित्व फाउंडेशन से जुड़ी हैं. इन्होंने दो साल के लिए एक लड़की को सेनेटरी नैपकिन दीपावली गिफ्ट के रूप में देने की इच्छा जतायी है. इन्होंने काउंसिलिंग के दौरान माहवारी से जुड़ी सामाजिक और मानसिक समस्या के बारे में काफी कुछ बताया है. वह इस योजना को सफल बनाने के लिए काफी उत्सुक हैं.

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अमृता सिंह ने बताया कि इनके अलावा भी कई लोग हमारी योजना में हमारा साथ देने के लिए आगे आये हैं. हमारी कोशिश यह है कि हम महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक करें, ताकि महिलाएं बीमारियों से बच सकें और उनका जीवन सहज हो सके. फाउंडेशन की प्रेसीडेंट पल्लवी सिन्हा और कोषाध्यक्ष डॉ अर्चना कुमारी हैं, जो फाउंडेशन के लिए काम कर रही हैं, ताकि महिलाओं के जीवन में खुशिया आ सकें. यह हमारे देश की एक सच्चाई है कि माहवारी के दौरान महिलाओं को आज भी काफी कुछ सहना पड़ता है. कई तरह के सामाजिक ‘टैबू’ हैं जो उनके जीवन को कठिन बनाते हैं. नव अस्तित्व फाउंडेशन का प्रयास महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है ताकि उनका जीवन सुखद हो सके.

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अमृता सिंह ने बताया कि जल्दी ही फाउंडेशन पटना के 51 कॉलेजों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और डिस्पोजल मशीन भी लगाने जा रही है. इस योजना की शुरुआत अगले महीने से हो जायेगी. उन्होंने बताया कि कुछ स्कूल भी इस योजना में शामिल हैं.


गिफ्ट देने से पहले करें यह तैयारी
1. आप अपने आसपास देख लें कि क्या कोई ऐसी महिला है, जिसे सेनेटरी नैपकिन की जरूरत है.
2. आपके घर पर ‘मेड’ का काम करने वाली महिला गिफ्ट देने के लिए सबसे उपयुक्त होगी. अगर मेड उम्रदराज है तो उसकी बेटी को चुनें.
3. अगर आपको गिफ्ट देने में संकोच हो, तो उसे माहवारी स्वच्छता के बारे में थोड़ी जानकारी दें और फिर उसे सेनेटरी नैपकिन दें.
4. अगर कोई पुरुष गिफ्ट देने के इच्छुक हैं और उन्हें संकोच हो रहा है, तो वह अपने घर की किसी महिला सदस्य का सहारा लें.
5. सेनेटरी नैपकिन को बकायदा कलर पेपर में पैक करके दें, ताकि लेने वाले को भी कोई संकोच ना हो. साथ ही चाहें तो मिठाई भी साथ में दे सकते हैं

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