संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय, पीएमआइआर विभाग की ओर से जय प्रकाश अनुसंधान भवन (सीनेट हाल) में नवोन्मेषी मानव संसाधन हस्तक्षेप के माध्यम से परिवर्तन का प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. इसमें प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, उद्योग जगत के प्रमुखों ने भाग लिया. मुख्य अतिथि, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति, प्रो आलोक कुमार चक्रवाल ने संगठनात्मक परिवर्तन को लागू करने में मानव संसाधन पेशेवरों के सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर केंद्रित एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया. उन्होंने बढ़ते कौशल अंतराल, डिजिटल परिवर्तन के प्रति प्रतिरोध और साक्ष्य-आधारित मानव संसाधन नीतियों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला. वास्तविक दुनिया की जटिलताओं पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सफल मानव संसाधन परिवर्तन के लिए न केवल रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है, बल्कि मानवीय व्यवहार के प्रति संवेदनशीलता और तत्परता से प्रतिक्रिया करने की क्षमता भी आवश्यक है. पटना विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो नमिता सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अकादमिक-उद्योग सहयोग के महत्व पर जोर दिया और विद्वानों को सिद्धांत और व्यवहार को जोड़ने वाले नवोन्मेषी मानव संसाधन माडल तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के सेमिनार अकादमिक समुदाय को बदलती कार्य-जगत में सार्थक योगदान देने के लिए सक्षम बनाते हैं. उद्घाटन सत्र में सेमिनार की स्मारिका, न्यूजलेटर का विमोचन और संपादित पुस्तक मैनेजिंग चेंज थ्रू इनोवेटिव एचआर इंटरवेंशन का विमोचन भी हुआ. इसके अतिरिक्त, पीएमआइआर विभाग की सहायक प्रो अमरीन नाज ने अपनी पुस्तक ” एमसीक्यूज ऑन लेबर कोड्स ” का विमोचन किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

