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जानिए… बिहार के नये राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बारे में

पटना : सत्यपाल मलिक ने आज बिहार के 38वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली. पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेेंद्र मेनन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. पूर्व सांसद और भाजपा के उपाध्यक्ष रहे 71 वर्षीयसत्यपाल मलिक कई अहम पार्लियामेंट कमेटी के सदस्य और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.सत्यपाल मलिक […]

पटना : सत्यपाल मलिक ने आज बिहार के 38वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली. पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेेंद्र मेनन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. पूर्व सांसद और भाजपा के उपाध्यक्ष रहे 71 वर्षीयसत्यपाल मलिक कई अहम पार्लियामेंट कमेटी के सदस्य और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.सत्यपाल मलिक दो बार राज्यसभा सांसद और एक बार लोकसभा सांसद (1989 से 1990) थे. जबकि सन 1974 से 1977 तक यूपी विधानसभा सदस्य भी रहे हैं.

मेरठ विवि से की बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई
सत्यपाल मलिक ने मेरठ विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई की है. 1966-67 में मेरठ कॉलेज से बीएससी और 1970 में एलएलबी की थी. साथ में संसद द्वारा संचालित संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान से संसदीय कार्य में डिप्लोमा किये हैं. मेरठ कॉलेज से सत्यपाल मलिक तीसरे व्यक्ति हैं, जो किसी प्रदेश के राज्यपाल बने हैं. इससे पूर्व मेरठ कॉलेज से पढ़कर निकले कुंवर महमूद अली मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने थे.जबकि डॉ. रघुकुल तिलक राजस्थान के राज्यपाल रहे.

छात्र राजनीति से बाहर निकल कर बने विधायक
छात्र राजनीति से बाहर निकल कर सत्यपाल मलिक विधायक बने, फिर अलीगढ़ से सांसद चुने गये. बिहार केनये राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सियासी पारी की शुरुआत मेरठ कॉलेज से हुई थी. सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज के दो बार छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे थे.

मेरठ काॅलेज में छात्रसंघ कीडाली नींव
मूलरूप से बागपत के हिसावदा गांव के रहने वाले सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज के उन छात्र नेताओं में रहे जिन्होंने छात्रसंघ की नींव रखने में अहम भूमिका निभायी. तब तक छात्रसंघ चुनाव की परंपरा नहीं थी. वह प्रीमियर छात्रसंघ अध्यक्ष बने. इसके बाद फिर खुद दिलचस्पी लेकर चुनाव की नियमावली बनायी और दो बार अध्यक्ष चुनेगये. सत्यपाल मलिक के जमाने में बनी नियमावली आज भी मेरठ कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के चुनाव का आधार है. छात्रसंघ के निर्वाचन में उनसे मिलने के लिए खुद चौ. चरण सिंह जैसे कद्दावर आये थे.

अलीगढ़ से चुने गये थे सांसद
छात्र राजनीति से बाहर निकल कर सत्यपाल मलिक विधायक बने, फिर अलीगढ़ से सांसद चुने गये. इसके बाद राज्यसभा सदस्य भी रहे. फिलहाल वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे. बिहार के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद सत्यपाल मलिक ने मीडिया से बातचीतमें अपने मेरठ कॉलेज के अनुभव को साझा किया. जिसमें उन्होंने राजनीति की मुख्य धारा तक पहुंचने के लिए छात्र राजनीति को पहली कड़ी बताया. कहा, कि वह जिस पद पर जा रहे हैं, उस पद का महत्व बहुत है, क्योंकि मुझसे पहले जो शख्स इस पद पर थे, वे आज राष्ट्रपति हैं.

सामान्य किसान परिवार में जन्म लिया
राज्यपाल सत्यपाल मलिक का जन्म यूपी के बागपत जिले के हिसवाड़ा में सामान्य किसान परिवार में हुआ. उन्होंने पड़ोस के ढिकौली गांव से इंटर तक की पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई मेरठ यूनिवर्सिटी से की. वह 21 अप्रैल, 1990 से 10 नवंबर, 1990 तक केंद्रीय पर्यटन एवं संसदीय राज्यमंत्री रह चुके हैं. इसके पहले वे 1980-84 और 1986-89 तक राज्यसभा सदस्य और 1989-90 तक लोकसभा सांसद के साथ 1974-77 तक यूपी विधानसभा के सदस्य थे. वे लोकदल और जनता दल के सदस्य रहे. बाद में भाजपा में शामिल हुए और इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुए.

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