पटना : बिहार में दो राजनीतिक दलों में अंदर ही अंदर कलह जारी है. एक कांग्रेस और दूसरी राजद. इसी क्रम में सियासी गलियारों के अलावा मीडिया में जोरों से चर्चा है कि नीतीश कुमार के गुट वाले जदयू के लोग शरद यादव गुट को पूरी तैयारी के साथ घेरने में जुट गये हैं. शुक्रवार को दोपहर नीतीश गुट के जदयू का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिला और अपनी बात रखी. पार्टी नेताओं ने चुनाव चिह्न पर शरद यादव के दावे को चुनौती दी. नीतीश गुट की ओर से ललन सिंह, आरसीपी सिंह, संजय झा और केसी त्यागी चुनाव आयोग में जाकर शरद यादव के उस दावे को खारिज किया, जिसे उन्होंने इससे पहले आयोग के समक्ष रखा था. बताया जा रहा है कि जदयू के नीतीश गुट के नेताओं ने आयोग से शरद यादव की सदस्यता रद्द करने की अपील की. जानकारी के मुताबिक, अब शरद यादव से, जो चुनाव आयोग में बनी समिति होती है, वह पूछताछ करेगी.
चुनाव आयोग में अपना दावा पेश करने के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश गुट के नेता संजय झा ने कहा कि हमारे पास 71 विधायक, 30 विधान पार्षद, 7 राज्य सभा सदस्य और दो लोकसभा सदस्य का समर्थन है. इसके अलावा पार्टी के सभी राज्यों के नेताओं के साथ पदाधिकारियों के नीतीश के पक्ष में शपथ-पत्र है. उसे हमने आयोग को सौंप दिया है. संजय झा ने शरद यादव के दावे को बिल्कुल खारिज किया. आपको बता दें कि शरद गुट ने 25 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने पार्टी और निशान पर अपना दावा किया था. इससे पहले जदयू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा के सभापति वैकेंया नायडू से मिल कर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग कर चुका है, लेकिन पार्टी की दावेदारी को लेकर मामला फिलहाल चुनाव आयोग में चल रहा है. इससे पूर्व जदयू के नेताओं ने उपराष्ट्रपति को दिये अपने पत्र में यह बताया था कि शरद यादव ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ी है. पार्टी नेताओं ने सभापति से शरद यादव के बागी तेवर से वाकिफ कराया और तमाम तरह की जानकारी उन्हें सौंपी.
यह भी पढ़ें-
JDU में असली-नकली की जंग में फंसा पार्टी पर कब्जे का पेच, नीतीश-शरद में से किसका होगा कब्जा ?