पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान के समीप स्थित ज्ञान भवन में बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में पर्यावरण बचाने के साथ वृक्षारोपण पर अपने विचार रखे. मुख्यमंत्री ने पर्यावरण की स्थिति पर चिंता जताते हुए, इसे बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने की बात पर बल दिया. मुख्यमंत्री ने बढ़ती भौतिक जरूरतों पर तंज कसते हुए कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने चौथी कक्षा में जाने के बाद पहली बार चप्पल पहना था. सीएम ने कहा कि जो बच्चे एसी में पढ़ेंगे, वह बड़े होकर क्या करेंगे. घर और स्कूलों में लोग एसी का प्रयोग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने बिहार को हरित प्रदेश बनाने के संकल्प को दोहराते हुए इसे स्कूली बच्चों और कार्यालय के कैंपस तक ले जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों द्वारा पेड़ लगाकर उसकी तीन साल तक देख-रेख करने का नियम बना हुआ है. स्कूल और कॉलेजों के अलावा कार्यालयों में पौधारोपण को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए वन विभाग पौधा देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 2017 तक 15 फीसदी हरित अच्छादित प्रदेश बना दिया गया है, बहुत जल्द इसे 17 प्रतिशत तक ले जाया जायेगा. सीएम ने कहा कि नयी पीढ़ी को जागरूक करना जरूरी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के प्रयोग से इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. स्कूली बच्चों में जागरूकता जरूरी है. लोगों में जागरूकता लाकर आपदा से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रबंधन पर बेहतर तरीके से काम करने वाली है. यह कोशिश हो रही है कि कम से कम ठनका गिरने से आधे घंटे पहले लोगों को पता चल जाये. उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता के लिए काम हो रहा है. सीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने स्वयं इसमें रुचि ले रहे हैं. मैंने उनसे मिलकर सिल्ट को लेकर अपनी बातें रखी हैं. उस पर काम हो रहा है. सिल्ट मैनेजमेंट पर काम हो रहा है. भूकंप से बचाव और आपदा से बचने के तरीकों पर बिहार सरकार काम कर रही है.
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