पटना : सीबीआइ का आरोप है कि रेल मंत्री पद पर बने रहने के दौरान वर्ष, 2004 में लालू प्रसाद ने अपने अधिकार का दुरुपयोग कर ठेका और ठेकेदारी में कुछ खास लोगों को जमकर फायदा पहुंचाया. इसी आधार पर सीबीआइ ने आय से अधिक संपत्ति, धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े के तहत केस दर्ज किया है.
चूंकि यह मामला सीबीआइ की नयी दिल्ली इकाई में दर्ज हुआ है और इसकी जांच भी वहीं के स्तर पर हो रही है, इस वजह से इस मामले में तीन प्रमुख अभियुक्त लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नयी दिल्ली बुलाकर सीबीआइ पूछताछ कर सकता है. इस केस में पूछताछ का सिलसिला जल्द ही शुरू हो सकता है. परंतु पूछताछ की प्रक्रिया शुरू करने से पहले 10, सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास में करीब 11 घंटे तक चली छापेमारी में जितने भी दस्तावेज, कंप्यूटर, टैब समेत अन्य गैजेट्स जब्त हुए हैं, पहले उनकी विस्तृत जांच की जायेगी. इसके बाद ही पूछताछ और इस केस में इंक्वायरी का सिलसिला शुरू होगा.
नहीं लौटी सीबीआइ की टीम, दस्तावेज की जांच जारी
शुक्रवार को करीब 11 घंटे छापेमारी करने के बाद सीबीआइ की टीम वापस नयी दिल्ली नहीं लौटी है. जितने भी दस्तावेज बरामद किये गये हैं, उनकी गहनता से जांच चल रही है. इसमें सबसे अहम हैं दो दर्जन से ज्यादा जमीन-जायदाद के कागजात के अलावा कंप्यूटर, टैब समेत अन्य गैजेट्स की जांच . सीबीआइ जमीन के सभी कागजात का वेरीफिकेशन करने में जुटा है. कई जमीनों की स्पॉट इंक्वायरी भी करने की सूचना है. सीबीआइ के अधिकारी ने इसमें पटना में मौजूद दो-चार बेहद चर्चित जमीन के लोकेशन पर जाकर इन्हें देखा और जांच-पड़ताल की. इसमें सगुना मोड़ की जमीन, गोला रोड में बन रहे राज्य का सबसे बड़ा मॉल, डाक बंगला चौराहा समेत कुछ अन्य स्थानों की जमीन का लोकेशन शामिल हैं. हालांकि सीबीआइ की तरफ से इस तरह की किसी बात की पुष्टि नहीं की गयी है. जमीन-जायदाद के जब्त किये कागजात का वेरिफिकेशन करने के बाद ही टीम के यहां से लौटने की संभावना है.
कंप्यूटर और टैब से खुलेंगे कई राज
कंप्यूटर और टैब को जमकर खंगाला जा रहा है. इनसे कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है. जमीन-जायदाद के अलावा बेनामी संपत्ति का बड़ा ब्योरा और लारा की तरह कुछ अन्य कंपनियों के बारे में भी जानकारी मिलने की पूरी संभावना जतायी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, राज्य के अंदर और बाहर कुछ बेनामी संपत्ति तथा कुछ बेनामी कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है. जांच अभी जारी है, इस वजह से विस्तृत जानकारी अभी प्राप्त नहीं हो पायी है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद पर आरोप है कि पद का दुरुपयोग करके उन्होंने ठेका-ठेकेदारी में धांधली की और इसके एवज में उन्हें और उनके परिवार को बड़ी मात्रा में जमीन-जायदाद समेत अन्य संपत्तियां मिलीं. अवैध रूप से जमा की गयी इन संपत्ति को फर्जी कंपनी के माध्यम से प्राप्त किया गया है. इन कंपनियों में निदेशक लालू प्रसाद, उनकी पत्नी और उनके बेटी-बेटे हैं. सीबीआइ ने फिलहाल इस मामले में ‘लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी’ कंपनी को ही निशाने पर लिया है, जिसमें राबड़ी देवी और बेटा तेजस्वी यादव निदेशक हैं. कंपनी का नाम लारा का मतलब ‘लालू-राबड़ी’ है. इस कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता (सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी) से वर्ष 2014-15 में ट्रांसफर कर राबड़ी और तेजस्वी यादव के नाम पर किया गया है. इस वजह से घोटाले के इतने पुराने मामले में तेजस्वी यादव भी नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं.
लालू के खिलाफ अब इडी दर्ज करेगा इसीआइआर
सीबीआइ की दर्ज एफआइआर को आधार बना कर इडी (प्रवर्तन निदेशालय) लालू के खिलाफ नया मामला दर्ज करने जा रहा है. इसे लेकर नयी इसीआइआर (इफोर्समेंट केस इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) दर्ज होने जा रही है. यह इसीआइआर दिल्ली में ही दर्ज होने की ज्यादा संभावना है. हालांकि बिहार में भी यह दर्ज हो सकती है. अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है. परंतु यह तय है कि सीबीआइ के बाद अब इडी सीधे लालू प्रसाद पर कार्रवाई करने की तैयारी पूरी कर चुका है. अगर मामला दर्ज होता है, तो लालू प्रसाद पर इडी का यह पहला मुकदमा होगा. जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो सकती है. लालू प्रसाद पर इडी की यह कार्रवाई उनकी सांसद बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार पर चल रही जांच से अलग होगी.
यह पूरी तरह से सीबीआइ की दर्जएफआइआर पर आधारित होगी. इडी किसी के खिलाफ बिना किसी जांच एजेंसी में पहले से दर्ज एफआइआर को आधार बनाये बिना कार्रवाई नहीं कर सकता है. संभवत इसी वजह से पहले सीबीआइ में मामला दर्ज किया गया, ताकि लालू प्रसाद पर सीधा इडी शिकंजा कस सके. अगर लालू प्रसाद पर इडी की जांच शुरू हो जाती है, तो उनकी मुसीबतें काफी बढ़ जायेंगी. सीबीआइ के मामले को इडी के टेक-ओवर करने के बाद इसमें नामजद सभी अभियुक्त राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य करीबियों पर भी जांच शुरू हो जायेगी. साथ ही लालू और उनके परिवार के तमाम सदस्यों के नाम पर जितनी भी बेनामी कंपनियां चल रही हैं, सब के खिलाफ जांच शुरू हो जायेगी. वर्तमान में मीसा भारती के खिलाफ जिस मामले की जांच इडी कर रहा है, वह सीधे तौर पर उनसे नहीं जुड़ा हुआ है. वह सीधे तौर पर सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन से जुड़ा हुआ है. पीएमएलए (प्रीवेंसन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत जैन बंधु के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई में मीसा और उनके पति का नाम सामने आने की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है.
इस बार इडी की जो कार्रवाई शुरू होगी, वह सीधे तौर पर लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव पर होगी, जिसकी चपेट में मीसा भारती, शैलेश कुमार, तेज प्रताप यादव समेत अन्य सभी सदस्य आ जायेंगे. इडी लालू प्रसाद के खिलाफ इसीआइआर दर्ज करने की पूरी तैयारी कर चुका है. मामला दर्ज होने के बाद इस बात की भी पूरी संभावना है कि इडी की टीम भी लालू प्रसाद के घर समेत अन्य तमाम ठिकानों की तलाशी लेगा. यह तलाशी पटना समेत अन्य कई शहरों में भी हो सकती है.
सोनिया, ममता और अखिलेश ने किया लालू को फोन, सोनिया रैली में भी होंगी शामिल
राजनीतिक जीवन में बुरे दौर से गुजर रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद को कांग्रेस का साथ मिल गया है.सीबीआइ,आयकर विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आये लालू परिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सहारा दिया है. शनिवार को सोनिया गांधी ने लालू प्रसाद से फोन पर बातचीत की और संकट में साथ होने की बात कही. सोनिया गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखलेश यादव ने भी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को फोन कर उनका कुशल पूछा. बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने राजद की 27 अगस्त की होने वाली रैली में आने का भरोसा भी दिलाया है. लालू के आवास से जुड़े सूत्र ने सोनिया गांधी के फोन की पुष्टि की है. इधर, लालू ने 10 जुलाई को 10, सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर राजद विधायक दल की बैठक बुलायी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 10 को पटना पहुंचेंगे.
लालू आवास में सोनिया का फोन वैसे समय में आया, जब राजग के राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के समर्थन के मुद्दे पर असहमति के बाद महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. सीबीआइ के छापे के दौरान शुक्रवार को राजद नेताओं के अलावा किसी और बड़े दल ने लालू परिवार की सुध नहीं ली थी. इससे कयास लगाया जा रहा था कि विपक्ष की राजनीति में लालू प्रसाद अकेले पड़ते जा रहे हैं. ऐसे में सोनिया गांधी के फोन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
लालू के ठिकानों पर छापेमारी की पूर्व सूचना से राज्य सरकार ने किया इनकार
रेलवे टेंडर भ्रष्टाचार मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के आवास सहित 12 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआइ छापेमारी की पूर्व सूचना से बिहार सरकार ने इनकार किया है. इस संबंध में शनिवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. इसमें कहा गया है कि छापेमारी शुरू होने के बाद सुबह करीब 7.30 बजे फोन पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को यह जानकारी मिली.
इसके बाद विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से सभी जरूरी व्यवस्था करवायी गयी. इसके साथ ही विभाग ने शनिवार को समाचार पत्रों में छपी खबर का भी खंडन किया है. इन खबरों में बताया गया है कि सीबीआइ की कार्रवाई की जानकारी गुरुवार की रात ही बिहार सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों को दे दी गयी थी. इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक शामिल थे. विभाग ने कहा है कि यह खबर बेबुनियाद है.