पटना : बिहार में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में एक रुपये की बढ़ोतरी की गयी है. मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी को लेकर राज्य में सियासत भी शुरू हो गयी है. राज्य के शिक्षामंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा है किकेंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. मनरेगा की मजदूरी में मात्र एक रुपये की बढ़ोतरी की गयी है. वहीं,बिहार के संसदीय कार्य तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी मनरेगा मजदूरी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि केंद्र सरकार बिहार के मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, अब बिहार के मजदूरों को 168 रुपये मजदूरी मिलेगी. बताया जा रहा है कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की मजदूरी में 100 रुपये का अंतर है. इसी वर्ष मार्च में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मनरेगा के तहत असम, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में दैनिक मजदूरी में एक रुपये, ओड़िसा में दो रुपये और पश्चिम बंगाल में चार रुपये बढ़ाई गयी थी. अन्य राज्यों की तुलना में केरल और हरियाणा में सबसे ज्यादा 18 रुपये की बढ़ोतरी की गयी थी.
मनरेगा मजदूरों को बिहार और झारखंड में 168, असम में 183, ओड़िसा में 176, उत्तराखंड में 175 और पश्चिम बंगाल में 180 रुपये मिलेंगे. जानकारों की मानें तो मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी में कम बढ़ोतरी बड़ी समस्या नहीं है, बल्कि इसमें राज्यों द्वारा तय की गयी न्यूनतम मजदूरी से तुलना करने पर अंतर लगातार बढ़ रहा है. यदि देखा जाए तो असम में न्यूनतम मजदूरी 240 रुपये है, जबकि मनरेगा की वहां की नयी मजदूरी 183 रुपये है. वहीं दूसरी ओर बिहार में न्यूनतम मजदूरी 181 रुपये है, जबकि मनरेगा की दैनिक मजदूरी 168 रुपये पर अटकी हुई है.
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