नवादा न्यूज : कौआकोल के जवान मनीष के निधन की खबर से गांव में छाया मातम
प्रतिनिधि, कौआकोल.
प्रखंड क्षेत्र के रूपौ थाना अंतर्गत पांडेय गंगौट गांव निवासी अशोक राम व सुशीला देवी के पुत्र और भारतीय सेना के आर्मी नर्सिंग के जवान मनीष कुमार का ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया है़ वे लगभग 26 वर्ष के थे. उनके निधन की दुःखद खबर के बाद गांव व प्रखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है. मृतक के पिता, माता, पत्नी समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है़प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनीष कुमार जम्मू कश्मीर में पदस्थापित थे और ड्यूटी के दौरान ही बुधवार की सुबह उनका आकस्मिक निधन हो गया है. फिलहाल, उनके निधन के ठोस कारणों का पता नहीं चल पा रहा है. घटना की सूचना ड्यूटी स्थल से उनके घरवालों को फोन के माध्यम से प्राप्त हुई है. इसके बाद गांव व आसपास के क्षेत्रों में सूचना मिलते ही मातम छा गया.
ग्रामीणों के अनुसार, जवान मनीष कुमार आपस में चार भाई हैं. इसमें इनके अलावे दो अन्य भाई भारतीय सेना में तैनात हैं. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, मनीष की शादी लगभग दो माह पूर्व ही हुई थी. मुखिया दीपक कुमार ने कहा कि मनीष काफी मिलनसार व हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे. उनकी शहादत पर हम सभी को गर्व है. सरपंच अराफात आलम, पूर्व जिला पार्षद नारायण स्वामी मोहन, प्रमुख प्रतिनिधि संजय यादव, पैक्स अध्यक्ष राहुल रत्नेश उर्फ मृत्युंजय सिंह, पांडेय गंगौट कॉलेज के प्राचार्य प्रो विपिन सिंह आदि ने भी सेना के जवान के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. ग्रामीण सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फिलहाल सेवा के जवान का शव गुरुवार को गांव पहुंच सकता है.
दो माह में ही खुशबू के जीवन में आयी उदासी
मात्र दो माह पूर्व छह मार्च को मनीष की शादी पांडेय गंगौट अपने पैतृक गांव में काफी धूमधाम से हुई थी. हिसुआ के धुरीहार गांव की खुशबू से शादी हुई थी. हालांकि, खुशबू का पूरा परिवार झारखंड के रजरप्पा में रहता था. शादी के उपरांत मनीष कुमार अपने ड्यूटी पर जम्मू कश्मीर चले गये. अब खुशबू की पूरी दुनिया ही उजड़ गयी है. गांव के लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह परिवार को किस तरह से सांत्वना दें. दो महीने में भी खुशबू अपने पति के साथ कुछ ही समय बिता पायी है. इस परिवार की हिम्मत को लोग सलाम कर रहे हैं. परिवार के तीन बेटे देश की सीमा की सुरक्षा में लगे हुए हैं. खुशबू का रो-रोकर बुरा हाल है.मनीष जम्मू कश्मीर के लद्दाख में आर्मी नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था. मनीष के परिजनों की चीत्कार व करुण क्रंदन से संपूर्ण गांव, पंचायत, प्रखंड एवं जिला गमगीन हो उठा. भारत मां के सपूत व रक्षक मनीष कुमार का असामयिक निधन जैसे बेहद असहनीय पीड़ा से सभी जूझ रहे हैं. गांव के लोग कहते नहीं थक रहे हैं कि मनीष कुमार काफी हसमुंख, संस्कारिक, सभ्य व अनुशासित था. गांव के उनके साथी बताते हैं कि 2018 में वह आर्मी ज्वाइन किया था. पिछले दिनों शादी व होली की खुशी मनाने के बाद वह सीमा पर लौटे थे.
अधिकारिक सूचना का है इंतजार : प्रशासन
आर्मी जवान मनीष कुमार के ड्यूटी के दौरान निधन होने की सूचना के बाद गांव में उनके घर पर आमलोगों के अलावे प्रशासनिक अधिकारियों का आना-जाना बना हुआ है. रूपौ व कौआकोल आदि थानाें के थानाध्यक्ष के अलावे प्रखंड के बीडीओ, सीओ पहले गांव में पहुंचे और सेना के जवान के परिजनों को ढांढ़स बंधाया. सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि वह मनीष के घर जाकर श्रद्धांजलि दी है. साथ में डीएसपी महेश चौधरी भी थे. उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में सेना से कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है. उनके पार्थिव शरीर के आने पर विभागीय सूचना के अनुसार सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है