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पत्थर खाकर भी शांत रही पुलिस, अनियंत्रित हुई भीड़, तो भांजी लाठियां

बिहारशरीफ/एकंगरसराय : औंगारी थाने के औंगारी गांव में दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत के बाद हिंसक बनी भीड़ तकरीबन चार घंटे तक गली व सड़क से लेकर थाने तक उपद्रव मचाती रही. उग्र भीड़ ने कानून को हाथ में लेकर विधि व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ दी. हिंसक भीड़ पुलिस को गाली दे रही […]

बिहारशरीफ/एकंगरसराय : औंगारी थाने के औंगारी गांव में दीवार गिरने से एक बच्चे की मौत के बाद हिंसक बनी भीड़ तकरीबन चार घंटे तक गली व सड़क से लेकर थाने तक उपद्रव मचाती रही. उग्र भीड़ ने कानून को हाथ में लेकर विधि व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ दी. हिंसक भीड़ पुलिस को गाली दे रही थी, औंगारी थाने पर पथराव कर रही थी तथा थाने की खिड़कियों में लगे शीशे को चटका रही थी. थाना परिसर में जहां-तहां अनगिनत रोड़े व पत्थर बिखरे पड़े थे.

सीसीटीवी के फुटेजों में आक्रोशित लोगों का उपद्रव कैद है. वहीं, जख्मी जवान राजू कुमार, कुमार सानू, चंदन कुमार व प्रियतम कुमार रोड़ेबाजी की घटना को लेकर गुस्से में भी थे, परंतु उन्हें यह खुशी भी थी कि थोड़ी-सी सावधानी से एक मां समान महिला की जान बच गयी. वहीं, थाने व आसपास मौजूद पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवानों तक ने अंत-अंत तक अपना धैर्य बनाये रखा, जिससे थाने में पहुंची स्व श्याम महतो की पत्नी की जान बच गयी.
बेटे को अफसर बनाने का पिता का टूटा सपना : दीपक औंगारी थाने के औंगारी गांव निवासी धन्नू यादव का इकलौता पुत्र था. अब उनके घर में संतान के नाम पर सिर्फ एक पुत्री पिंकी कुमारी है. पिता धन्नू ने बताया कि पुत्र को बड़ा अफसर बनाने का सपना संजो रखा था. इधर, दीपक की मां काजल देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. वह ‘बेटवा कैसे जीवै गे मइया’ कहते हुए बार-बार बेहोश हो जा रही है.
आसपास बैठी महिलाएं काजल को पानी की छीटें मारकर होश में लाने का प्रयास कर रही थीं. इस घटना से पूरे गांव के घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं.
मृत दीपक के दादी समेत कई चोटिल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे-जैसे उपद्रव बढ़ता गया, आक्रोशित लोगों की भीड़ भी बढ़ती गयी. फिर अचानक भीड़ हिंसक बन गयी. वहीं, मौके पर मौजूद हिलसा डीएसपी मुत्तफिक अहमद समेत कई थानों की पुलिस मोर्चे पर डटे रहे. एसपी नीलेश कुमार भी पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे.
बड़ी अप्रिय घटना को टालने एवं भीड़ को हिंसक बनने से रोकने के लिए अंत में पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी. हालांकि इस दौरान मृत दीपक की दादी समेत कई अन्य राहगीर व ग्रामीण चोटिल भी हुए. इधर, प्रत्यक्षदर्शियों की माने, तो पुलिस ने बचाव में हवाई फायरिंग भी की, लेकिन हिलसा डीएसपी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

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