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शहर के कई मोहल्लों में पेयजल का संकट, दो दर्जन से अधिक शिक्षकों पर हो चुकी है प्राथमिकी

उज्जवलानंद गिरि, बिहारशरीफ : जिले में फर्जी शिक्षकों के नियोजन के मामले लगातार सामने आने से शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर की गयी फर्जीवाड़े की संभावना बढ़ते जा रही है. हालांकि जिले में नियोजित शिक्षकों की निगरानी जांच भी लंबे समय से चल रही है, जिसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है. इस दौरान […]

उज्जवलानंद गिरि, बिहारशरीफ : जिले में फर्जी शिक्षकों के नियोजन के मामले लगातार सामने आने से शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर की गयी फर्जीवाड़े की संभावना बढ़ते जा रही है. हालांकि जिले में नियोजित शिक्षकों की निगरानी जांच भी लंबे समय से चल रही है, जिसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है. इस दौरान फर्जी प्रमाणपत्रों के कारण लगभग दो दर्जन फर्जी नियोजित शिक्षकों को सेवा से हटाकर उन पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है.

फर्जीवाड़े का नया मामला रहुई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गंज पर से जुड़ा है, जहां शिक्षिका शशिकला सिन्हा द्वारा शिक्षिका बनने के लिए अपने बेटे से भी कम उम्र का प्रमाणपत्र पर नियोजित होने की शिकायत की गयी है. शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े के इस विचित्र मामले से शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं. शिकायतकर्ता माला सिन्हा द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय में ई-कम्प्लाइंस डैशबोर्ड (सीएम लेटर) पर आवेदन देकर उक्त शिक्षिका के विरुद्ध शिकायत की गयी है.
शिकायत में कहा गया है कि शिक्षिका शशिकला सिन्हा द्वारा शिक्षिका बनने के लिए अपने बेटे से भी कम उम्र का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें जन्मतिथि 20 मई 1972 दिखाई गयी है जबकि सच्चाई यह है कि उक्त शिक्षिका का बड़ा पुत्र ही उनके इस जन्मतिथि से सात साल बड़ा है.
शिकायतकर्ता माला सिन्हा, पति संजीव कुमार हैं तथा उनके द्ववारा अपने शिकायत की पुष्टि के लिये आवेदन पत्र के साथ शिक्षिका के बड़े पुत्र संजीव कुमार की जन्मतिथि अंकित आधार कार्ड तथा पैन कार्ड की छायाप्रति भी प्रस्तुत की गयी है.
मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा मामले की जांच का आदेश शिक्षा विभाग को दी गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार द्वारा ग्राम पंचायत सुपासंग के पंचायत सचिव को मामले की तत्काल जांच कर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आदेश दिया गया है. यदि उक्त नियोजित शिक्षिका पर लगाये गये आरोप सत्य साबित होते हैं तो उनकी सेवा समाप्त कर प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी.
शिकायतकर्ता के पास पर्याप्त सबूत : शिकायतकर्ता माला सिन्हा द्वारा इस फर्जीवाड़े के बारे में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराये गये हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षिका शशिकला सिन्हा पहली बार 1962-63 ई. में ग्रामीण बालिका सर्वोदय विद्यालय विद्यानगर कादी विगहा रहुई से जबकि दूसरी बार उम्र घटाकर आरसीसी उच्च विद्यालय इब्राहिमपुर, श्री विगहा जहानाबाद से मैट्रिक उत्तीर्ण हुई है.
उन्होंने उक्त शिक्षिका के उम्र की जांच मेडिकल बोर्ड से कराने की मांग की है. उन्होंने शिक्षिका शशिकला की उम्र लगभग 73 वर्ष होने का दावा किया है. सच्चाई जांच के बाद ही सामने आयेगी.
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में नियोजन इकाईयों द्वारा निगरानी जांच को लगभग तीन सौ पचास शिक्षकों का प्रमाणपत्रों का फोल्डर तक नहीं उपलब्ध कराया गया है.
इनमें से लगभग दो दर्जन नियोजन इकाईयों के प्रमुखों पर शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इनमें से बिंद प्रखंड के कथराही, जमसारी तथा बिंद, अस्थावां प्रखंड के गिलानी तथा मुर्गियाचक, करायपरशुराय प्रखंड के मकदूमपुर, मकरौता तथा सांध एवं बिहारशरीफ प्रखंड के सरबहदी पंचायत नियोजन इकाईयों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है.
इसके अतिरिक्त प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई में कुछ बीडीओ तथा बीईओ पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. वर्तमान में सिलाव प्रखंड के 127, हरनौत प्रखंड के 31, चंडी प्रखंड के 21, बेन प्रखंड के तीन सहित कतरीसराय, गिरियक तथा इस्लामपुर प्रखंड के कुल 51 नियोजित शिक्षकों के फर्जीवाड़े की भी जांच शिक्षा विभाग द्वारा करायी जा रही है.
पूर्व में भी इन शिक्षकों का रद्द हुआ है नियोजन
जिले में शिक्षक नियोजन में शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिक विद्यालय बड़गांव, लखाचक तथा बूढ़ानगर में नियोजित तीन सुषमा कुमारी तथा प्राथमिक विद्यालय धरमपुर, भरैती तथा रामाविगहा में नियोजित तीन खुशबू कुमारी का नियोजन रद्द कर उन पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.
इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालय शेखामिन की शिक्षिका अनामिका कुमारी, प्राथमिक विद्यालय आजादनगर के शिक्षक पंकज कुमार तथा प्राथमिक विद्यालय मदूद की शिक्षिका रंजू कुमारी का नियोजन रद्द कर उन पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. कई अन्य शिक्षक नौकरी छोड़कर भी गायब हुए हैं, जिनमें कहीं पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षा विभाग द्वारा नियोजित शिक्षकों की प्रमाणपत्रों की निगरानी जांच में पूरा-पूरा सहयोग किया जा रहा है. जिन नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के फर्जी होने की शिकायत मिल रही है, उसकी जांच कर तत्काल कार्रवाई भी की जा रही है.
मनोज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा

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