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ललित नारायण कॉलेज में एबीसी आईडी निर्माण पर हुआ प्रशिक्षण, शिक्षा सलाहकार ने बताया इसका महत्व

मुजफ्फरपुर के ललित नारायण कॉलेज में एबीसी आईडी निर्माण पर कार्यशाला के लिए सरकार के शिक्षा सलाहकार प्रो. एनके अग्रवाल पहुंचे. तीन दिवसीय कार्यशाला में कॉलेज के सभी छात्रों की आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. पहले दिन 253 छात्रों की आईडी बनाई गई

बदलाव समय की मांग है. देश में पहली शिक्षा नीति 1968 में और दूसरी शिक्षा नीति 1986 में बनायी गयी. इसके 34 वर्षों के बाद वक्त की मांग को देखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का निर्माण किया गया. यह शिक्षा नीति वर्तमान समय के अनुसार और बाजार की जरूरतों को केंद्र में रखकर तैयार की गयी है. यदि छात्र-शिक्षक समय के साथ नहीं बदले तो पूछे छूट जाएंगे. ये बातें बिहार सरकार के शिक्षा सलाहकार प्रो. एनके अग्रवाल ने कहीं. वे मुजफ्फरपुर के ललित नारायण कॉलेज में एबीसी आइडी क्रिएशन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

मुफ्त बनेगी आईडी

बतौर मुख्य अतिथि प्रो. एनके अग्रवाल ने स्टूडेंट्स को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की महत्ता बतायी. कहा कि स्टूडेंट्स की परेशानी को देखते हुए इस एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की व्यवस्था की है. इसपर निशुल्क आइडी बनेगी. साथ ही यह डिजीलॉकर से लिंक हाे जाएगा. इसके बाद छात्रों की डिग्री से लेकर सभी अकादमिक प्रमाणपत्र ऑनलाइन ताउम्र इसमें सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने कहा कि डिजिटल रिकॉर्ड का संधारण बेहद जरूरी है.

पहले दिन 253 छात्रों की बनी आइडी

प्रो.अग्रवाल ने कहा कि एलएनटी काॅलेज बीआरए बिहार विवि का पहला संस्थान है जहां इस तकनीकी और अहम मुद्दे पर कार्यशाला आयोजित की गयी है. इसके लिए उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य और शिक्षकों को बधाई दी. कॉलेज के प्राचार्य प्रो.अभय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया.

उन्होंने कहा कि छात्रों को एबीसी आइडी बनाने में कोई परेशानी नहीं हो. इसको लेकर यह तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू की गयी है. पहले दिन कुल 253 छात्रों की आइडी कार्यशाला के दौरान ही बना दी गयी है. अगले दो दिनों में कॉलेज में नामांकित स्नातक और पीजी के सभी स्टूडेंट़्स की आइडी बन जाएगी. कार्यक्रम का संचालन डॉ चित्तरंजन कुमार और धन्यवाद ज्ञापन डॉ विजयेंद्र झा ने की. मौके पर नोडल ऑफिसर डॉ संध्या कुमारी, ई.पुष्कर सत्यम, डॉ जितेंद्र मिश्रा समेत अन्य शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे.

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एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के कई फायदे

प्रो.एनके अग्रवाल ने एकेडमिक बैंक के फायदे बताए. कहा कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके खराब होने या खोने का भय नहीं है. साथ ही बिहार से बाहर यहां के विश्वविद्यालयों की डिग्री काे संदेह की नजर से देखा जाता रहा है. इसपर डिग्री अपलोड होने के बाद संदेह जैसी कोई बात नहीं होगी. नौकरी के समय नियोक्ता इसका बिना विश्वविद्यालय को भेजे ऑनलाइन ही सत्यापन कर पाएंगे.

स्टूडेंट्स जहां चाहें अपने मोबाइल नंबर की मदद से इस लॉकर को एक्सेस कर अपना प्रमाणपत्र इससे निकाल सकेंगे. यह आधार कार्ड से लिंक रहेगा. इसपर विश्वविद्यालय के तमाम प्रमाणपत्र अपलोड रहेंगे. उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का प्रावधान किया गया है. ऐसे में यह एबीसी आइडी और डिजीलॉकर बेहद अहम साबित होगा. छात्रों को न सिर्फ इसपर क्रेडिट दिखेगा बल्कि सत्यापन और नौकरी पाने में भी इसकी विश्वसनीयता रहेगी.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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