39.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

रवींद्रनाथ ठाकुर ने किया भारतीय परंपरा का नवीनीकरण

Tagore renewed the Indian tradition

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी एवं बांग्ला विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की जयंती के अवसर ””रवींद्रनाथ की प्रासंगिकता”” विषय पर संगोष्ठी व काव्य-पाठ का आयोजन किया गया. गुरुदेव की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रभारी व आइक्यूएसी निदेशक प्रो.कल्याण कुमार झा ने कहा कि रवींद्रनाथ ठाकुर भारतीय जातीय संगीत के रचयिता रहे हैं. उनके साहित्य में हमारे जीवन-मूल्य संरक्षित एवं संवर्धित रहे हैं. विश्वविद्यालय हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो.सुधा कुमारी ने कहा कि रवींद्रनाथ ठाकुर ने भारतीय परंपरा का नवीनीकरण किया है. वे संस्कृत, वैष्णव और बौद्ध साहित्य को आत्मसात कर नया रचने के लिए साहित्य जगत में आए थे. गुरुदेव को टुकड़ों में नहीं बल्कि संपूर्णता में समझने की कोशिश होनी चाहिए. गुरुदेव की सार्वभौमिक दृष्टि उन्हें विश्वमानव एवं विश्वगुरु के रूप में स्थापित करती है. छायावादी हिंदी कविता और कथाकार प्रेमचंद पर उनका बहुत गहरा प्रभाव है. मो.जावेद, ईश्वर चंद, स्नेहा, मोहित, मनीष, पप्पू, शिवम, अजीता, सुष्मिता, श्यामसुंदर, प्रीति, पल्लवी, शिल्पी, पवन के नाम महत्त्वपूर्ण हैं. विभाग की प्रो.कुमारी आशा, सहायक प्राध्यापक डॉ राकेश रंजन, डॉ सुशांत कुमार, डॉ उज्ज्वल आलोक, डॉ साक्षी शालिनी, विश्वविद्यालय बांग्ला विभाग के डॉ तारक पुरकायत, डॉ सुनंदा मंडल, किरणबाला रविदास ने विश्वकवि के प्रति विचार व्यक्त किए. मो. जावेद व ईश्वर चंद ने संचालन किया. धन्यवाद ज्ञापन स्नेहा कुमारी ने किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel