:: मुजफ्फरपुर को चाहिए समाधान ::: मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्ते और पशु बने मुसीबत, लोगों में दहशत वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर शहर में आवारा कुत्तों और पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं. कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. इससे छोटे स्कूली बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. महिलाएं एवं बुजुर्ग को मॉर्निंग व इवनिंग वाक के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया है. नगर निगम द्वारा इस समस्या पर लगाम लगाने में ढिलाई बरतने के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है. टेंडर प्रक्रिया में देरी के चलते आवारा कुत्तों की नसबंदी और नियंत्रण के उपाय अभी तक प्रभावी रूप से लागू नहीं किये जा सके हैं. पूर्व में हुई घटनाओं से भी नगर निगम ने पर्याप्त सबक नहीं लिया है, और आवारा कुत्ते आये दिन लोगों को काटकर घायल कर रहे है. हालांकि, नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने कहा है कि नगर निगम आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी अभियान चलायेगा. इसके लिए पशुपालन विभाग से संपर्क किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त नगर निगम शहरी क्षेत्र के खटाल संचालकों को नोटिस भेज रहा है. ताकि, वे अपने मवेशियों को खटालों में रखें और सड़कों पर आवारा न छोड़ें. इससे यातायात और सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित होती है. सितंबर में तीन बच्चों को नोच-नोच कर कर दिया था लहूलुहान बीते साल के सितंबर महीने में बोचहां के साहू पट्टी मैदापुर गांव में कुत्तों की झुंड ने स्कूल जा रहे तीन बच्चों पर हमला कर दिया था. तब तीनों बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. एक बच्चे के पीठ को पूरी तरह से नोच कर कुत्तों ने खा गया था. वहीं, दूसरे के सिर व कान को नोच दिया था. तब तीनों बच्चों का इलाज एसकेएमसीएच के सुपर स्पेशलिस्ट वार्ड में सर्जरी किया गया था. इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन की अब तक नींद नहीं खुली है. मिठनपुरा में भी एक चार साल की मासूम की जा चुकी है जान तीन साल पहले मिठनपुरा में अपनी मां के साथ घर लौट रही एक चार साल की नन्ही सी मासूम बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर दिया था. तब बच्ची मां की हाथ पकड़ जा रही थी. इस दौरान कुत्तों ने मासूम को इस कदर काटा कि मौके पर ही बच्ची ने दम तोड़ दिया था. इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा दिखा था. तब निगम की तरफ से आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी कराने के साथ नियमित रूप से एंटी रेबीज इंजेक्शन दिलाने की बात कही गयी थी. हालांकि, आज तक यह प्रस्ताव नगर निगम के फाइल में ही दबा है.
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