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मुजफ्फरपुर की सड़कों से सुरक्षित घर लौटना चुनौती, कहीं खुला है नाला तो कहीं चेंबर से निकले हैं नुकीले तार

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में सीवरेज के खुले नाला, चैंबर और नुकीले तार को पार कर घर लौटने पर परिवार के लोग लेते हैं राहत की सास. जानिए शहर के लोगों की क्या है राय

मुजफ्फरपुर शहर में बाहर कदम रखने के बाद परिवार के सदस्य सुरक्षित घर वापस लौट जाते है, तो लोग राहत की सांस लेते है. वर्तमान में कहां पर सीवरेज के खुले नाला, चैंबर और नुकीले तार में उलझ कर राहगीर हादसे के शिकार हो जाये, यह कहना मुश्किल है. क्योंकि सरैयागंज टावर चौक से लेकर कंपनीबाग अति महत्वपूर्ण सड़क से लेकर सबसे अधिक दबाव वाला स्टेशन रोड, कहीं भी राहगीर सुरक्षित नहीं है.

मनमानी ऐसी की दिन में जहां सरपट खुली सड़क नजर आती है, दूसरे दिन सुबह में जब लोग घरों से बाहर निकलते है, तो ठीक उसी जगह पर दस फीट तक का गहरा गड्ढा नजर आता है. हालात यह है कि लगभग सड़कों में निर्माण एजेंसियों के खतरों के जाल से निकलने के लिये लोग सुरक्षित रास्तों को खोजने में दिन भर माथापच्ची करते है.

शहर के पांच अलग-अलग इलाकों में स्मार्ट सिटी के बारे में लोगों ने क्या कहा-

  • स्मार्ट सिटी के एजेंसियों ने पूरे शहर को नरक बना दिया है.
  • शहर में एक सड़क चलने के लिये सुरक्षित नहीं है.
  • कंपनीबाग रोड में एक बार सीवरेज के लिये खोदा गया, अब क्या हो रहा है.
  • अभी तो इस्लामपुर रोड में मरते-मरते बचे, गाड़ी लेकर ही उलट गये
  • स्टेडियम के पास मेरी बच्ची मिट्टी ढाेने वाली गाड़ी से बाल-बाल बच गयी
  • निर्माण के कारण जाम के जंजाल से बचने के लिये दो पहिया की जगह पैदल चलने लगा
  • जूरन छपरा में मरीज का परिजन खुद गिर कर हाथ तोड़ लिया
  • सीवरेज में गिरने, ट्रक से एक्सीडेंट सहित जो भी मौत की घटनाएं हुई, उसके पीछे बेतरतीब निर्माण है.

निर्माण एजेंसी के वाहनों पर नकेल नहीं, खुद संभल कर चले

रात के समय स्मार्ट सिटी के कार्यों की रफ्तार और तेज हो जाती है. ट्रैक्टर हो या ट्रक या मिक्सर मशीन अनियंत्रित स्पीड में सड़कों पर चलती है. जरा सी असावधानी से बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार लोग जान बचाने के लिये सड़क के किनारे खड़े हो जाते है. एजेंसियों का इन गाड़ियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. इससे पहले भी जूरन छपरा में एक व्यक्ति की जान जा चुकी है. ऐसे में खुद संभल कर चलने की जरूरत है.

समाहरणालय गेट के सामने ब्लॉक किया रोड

बीते शनिवार की रात कंपनीबाग रोड में समाहरणालय के मेन गेट के सामने, सीवरेज को लेकर बड़ा गड्ढा कर चारों ओर से बैरिकेडिंग कर दी गयी है. सुबह में लोग निकले तो यहां पर एक लेन ब्लॉक कर दिया गया था. चार महीनें पहले इसी जगह पर सीवरेज लाइन धंसने से पानी का पूरा टैंकर ही पटल गया था. चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनीबाग रोड में फरवरी के अंतिम सप्ताह में डीएम ने स्मार्ट सिटी के कार्यों का निरीक्षण कर 10 मार्च तक इस रोड को चकाचक करने का निर्देश दिया था. लेकिन यहां अभी गड्ढों का काम खत्म नहीं हुआ है.

बीच सड़क में धंसे हुए चैंबर से गुजरे तो रहे सतर्क

खुदीराम बोस स्टेडियम से इमलीचट्टी अमृत महोत्सव पार्क तक वाहनों की स्पीड को नियंत्रित करके चलाने की जरूरत है. इस रोड में करीब 10 जगहों पर समतल सड़क के बीच में सीवरेज का चैंबर धंस चुका है. तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले रोज गड्ढों में फंस कर गिर रहे है. जवाहर लाल रोड, सिकंदरपुर सहित कई इलाकों में चैंबर भी जानलेवा बन चुका है. आंखों के सामने की गड़बड़ी को भी स्मार्ट एजेंसियों ने नजर अंदाज कर दिया है.

शहर के रूटीन में ऑटो व रिक्शा पलटना

शहर में ऑटो और रिक्शा पलटना रूटीन में शामिल हो गया है. खास कर धर्मशाला चौक से लेकर स्टेशन रोड से मालगोदाम चौक तक रोज अनियंत्रित हो कर छोटे सवारी वाहन पलट जाते है. फिलहाल मालगोदाम चौक की ओर से सड़क को पूरी तरह से खोद दिया गया है. स्टेशन के तीन नंबर गेट के बाद दाहिने ओर निर्माणाधीन नाला खुला है, जिसमें रोज राहगीर गिर रहे, लेकिन इसकी घेराबंदी तक नहीं की गयी है.

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