:: पीड़ित महिला ने कोर्ट को बताया – सरैया थानाध्यक्ष ने उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर गलत प्राथमिकी दर्ज की :: सोमवार को पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर भेजा जेल संवाददाता, मुजफ्फरपुर सरैया थानाध्यक्ष ने महिला वादी से सादे कागज पर साइन कराकर गलत प्राथमिकी करने के मामले में काेर्ट ने संज्ञान लिया है. विशेष एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सरैया थानाध्यक्ष पर कार्रवाई करने के लिए डीजीपी, डीआइजी और एसएसपी को पत्र भेजा है. इसके पूर्व सरैया के मुंगौली गांव निवासी वादी महिला सीता देवी का कोर्ट में बयान हुआ. महिला ने कोर्ट को बताया कि सरैया थानाध्यक्ष द्वारा सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर जबरदस्ती प्राथमिकी दर्ज की गयी जबकि वह केस दर्ज नहीं कराना चाहती थी. इससे स्पष्ट है कि अभियुक्तों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से एवं अनुचित लाभ के लिए एससी-एसटी एक्ट की धारा में मामला दर्ज किया गया. सोमवार को पुलिस ने सरैया के मंगौली गांव निवासी रोशन कुमार, सूरज कुमार, सोनू कुमार और गुड्डू कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. प्राथमिकी में सरैया के मुंगौली निवासी सीता देवी ने कहा था कि 14 मार्च को गांव के पांच युवक नशे में धुत होकर हंगामा कर रहे थे. उनके द्वारा इससे मना करने पर आरोपितों ने जातिसूचक शब्द से उनका अपमान किया. आरोपितों ने जान से मारने की नीयत से उनके पुत्र पर बल्ला से हमला कर दिया. इसमें पुत्र का सिर फोड़ दिया गया. पुत्र को बचाने में उनके गले का जेवर खो गया. घटना का वीडियो गांव के एक युवक द्वारा बनाए जाने पर आरोपितों ने उसका मोबाइल जमीन पर पटककर तोड़ दिया. मामले में दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में 18 मार्च को सुलहनामा लगाया जा चुका है.
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