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वैज्ञानिक करायेंगे घोसौत व सकरी चांदपुरा में खेती

मुजफ्फरपुर: कृषि वैज्ञानिक घोसौत व सकरी चांदपुरा गांव विशेष तरीके से खेती करायेंगे. यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) नयी दिल्ली अपनी तकनीक को जमीन पर उतारेगा. आइसीएआर ने मीनापुर प्रखंड के घोसौत व बंदरा प्रखंड के सकरी चांदपुरा गांव को पोस्टल विलेज के रू प में दर्जा दे दिया है. इन गांवों में आइसीएआर […]

मुजफ्फरपुर: कृषि वैज्ञानिक घोसौत व सकरी चांदपुरा गांव विशेष तरीके से खेती करायेंगे. यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) नयी दिल्ली अपनी तकनीक को जमीन पर उतारेगा. आइसीएआर ने मीनापुर प्रखंड के घोसौत व बंदरा प्रखंड के सकरी चांदपुरा गांव को पोस्टल विलेज के रू प में दर्जा दे दिया है. इन गांवों में आइसीएआर के नियम व मापदंड के आधार पर कृषि कार्य होगा. इन गांवों को सरकार ने फार्मर पोर्टल से जोड़ दिया गया है. कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) सरैया को दोनों गांवों में पूरी तरह से वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर खेती कराने का टास्क सौंपा गया है. यहां के किसान अब बिल्कुल वैज्ञानिक तरीके से खेती का काम करेंगे.
केवीके के समन्वयक डॉ जितेंद्र प्रसाद व पौधा रोग विशेषज्ञ हेमचंद्र चौधरी ने बताया कि इन दोनों गांवों को उन्नत खेती के लिए आइसीएआर ही रिसर्च किस्मों का बीज उपलब्ध करायेगा. तकनीकी जानकारी देने का दायित्व केवीके को दिया गया है.
इस योजना की शर्त है कि तीन किसानों में एक किसान पोस्टल डिपार्टमेंट से होना अनिवार्य है. साथ ही दो प्रगतिशील किसान होंगे. दोनों गांवों में पूसा सुगंधा 5 किस्म का धान बीज किसानों को दिया गया है.
सब्जी की खेती के लिए फिलहाल पूसा नवीन किस्म का कद्दू का बीज दिया गया है. इस योजना अंतर्गत घोसौत मध्य विद्यालय में पैक्स अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 20 किसानों को कद्दू का बीज उपलब्ध कराया. गृह विज्ञान विशेषज्ञ डॉ सविता कुमारी व पौधा रोग विशेषज्ञ इन गांवों में किसानों को उन्नत खेती के लिए जागरू क कर रहे हैं. सोमवार को इन गांवों में कार्यक्रम कर लोगों को जानकारी दी. आइसीएआर कृषि विज्ञान केंद्र को उन्नत किस्म का बीज उपलब्ध करायेगा. यहां से प्रगतिशील किसानों का चयन कर खेती के लिए बीज उपलब्ध कराया जायेगा.
सांसद ग्राम के किसान भी लेंगे लाभ
आइसीएआर, नयी दिल्ली सांसद ग्राम औराई प्रखंड के जजुआर व मीनापुर के घोसौत में अपने कार्यक्रम व क्रिया-कलापों को केवीके माध्यम से प्रदर्शित करायेगा. इन दोनों गांवों में सौ दिन में होने वाले धान प्रभात का बीज दिया जा रहा है. एक गांव में 10 किसानों को धान बीज दिया जायेगा. एक किसान एक एकड़ में प्रभात धान को लगायेंगे. केवीके इन गांवों में अग्रिम प्रत्यक्षण कार्यक्रम अंतर्गत किसानों को लाभ देगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि सौ दिनों में धान का उत्पादन हो जाये, इसके बाद किसान आसानी से सब्जी की खेती कर सकें. इसके बाद कृषि मेला भी लगाने का कार्यक्रम है.

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