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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड : सरकारी वकील की नियुक्ति नहीं करने पर सीबीआई को फटकार

दिल्ली के साकेत पॉक्सो कोर्ट में आरोपितों की हुई पेशी नयी दिल्ली : बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में अब तक विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) को अधिसूचित नहीं किये जाने पर सोमवार को नयी दिल्ली स्थित साकेत पॉक्सो कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगायी. कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वह दो दिन […]

दिल्ली के साकेत पॉक्सो कोर्ट में आरोपितों की हुई पेशी
नयी दिल्ली : बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में अब तक विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) को अधिसूचित नहीं किये जाने पर सोमवार को नयी दिल्ली स्थित साकेत पॉक्सो कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगायी. कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वह दो दिन के भीतर सरकारी वकील नियुक्त करे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सीबीआई को तब फटकार लगायी, जब वरिष्ठ लोक अभियोजक आर एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में उन्हें एसपीपी अधिसूचित नहीं किया गया है और इस प्रक्रिया में कुछ और दिन लग सकते हैं.
न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं परसों अधिसूचना चाहता हूं. यदि आप नहीं कर सकते तो सुप्रीम कोर्ट को सूचित कर दें. मैं इस आदेश की एक प्रति सीबीआई निदेशक को भी भेज रहा हूं. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो संयुक्त निदेशक स्तर के किसी वरिष्ठ अधिकारी को पेश होना पड़ेगा.’ अदालत ने सीबीआई को यह चेतावनी भी दी कि अदालत का आदेश मानने में किसी तरह की कोताही अवमानना की तरह होगी और देरी के लिए एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर एसपीपी अधिसूचित करने को कहा है. अदालत ने कहा, ‘यह अपेक्षा नहीं रखें कि अदालत अधिसूचना आने का इंतजार एक हफ्ते तक करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जितना मैं बंधा हूं, उतने ही आप भी बंधे हैं. मुझे इस हद तक कदम बढ़ाने को मजबूर नहीं करें कि मुझे सुप्रीम कोर्ट को लिखना पड़े कि सीबीआई अदालत के आदेश की अवमानना कर रही है. पहले ही आप एक बार अवमानना के कारण भुगत चुके हैं.’ अदालत ने निर्देश दिया कि जिन आरोपियों की पैरवी किसी वकील ने नहीं की, उन्हें दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के पास ले जाएं ताकि प्राधिकार उन्हें वकील मुहैया कराये.
दो दिनों में आरोपितों को दें दस्तावेजों की सीडी
कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि आरोप-पत्र एवं अन्य दस्तावेजों की प्रतियां आरोपितों को दो दिनों में उपलब्ध कराने को कहा है. जब जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि करीब पांच हजार पन्नों को स्कैन करना पड़ेगा और इसमें चार दिन का वक्त लगेगा तो न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरे पास चार दिन का वक्त नहीं है, आप चाहें तो यह पूरी रात करें.’ अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.
विकास के जख्म पर रिपोर्ट मांगी
मुजफ्फरपुर बाल कल्याण समिति के सदस्य विकास कुमार की तरफ से पेश हुए वकील ज्ञानेंद्र मिश्रा ने अदालत को बताया कि कुमार के पांव में जख्म है और सर्जरी के लिए उसे दिल्ली के एम्स रेफर किया गया है. इस पर अदालत ने वकील को रिपोर्ट सौंपने को कहा.

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