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एक साल में रासायनिक खाद की कीमत 52 प्रतिशत बढ़ी
रवींद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : सुखाड़ की मार से झेल रहे किसानाें को रासायनिक खाद की कीमत में हुई बेतहाशा वृद्धि ने और परेशानी में डाल दिया है. रबी फसल की बुआई में सबसे अधिक उपयोग डीएपी व पोटाश खाद का होता है. दाेनों खादों की कीमत में पिछले एक साल में काफी वृद्धि हुई […]
रवींद्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : सुखाड़ की मार से झेल रहे किसानाें को रासायनिक खाद की कीमत में हुई बेतहाशा वृद्धि ने और परेशानी में डाल दिया है. रबी फसल की बुआई में सबसे अधिक उपयोग डीएपी व पोटाश खाद का होता है. दाेनों खादों की कीमत में पिछले एक साल में काफी वृद्धि हुई है.
पिछले साल अक्तूबर में पोटाश की कीमत प्रति बैग 50 किलो, 620 रुपये थी, जाे अब बढ़कर 950 रुपये हो गयी है. डीएपी की कीमत पिछले साल अक्तूबर में 1086 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1450 से 1500 सौ रुपये तक हो गयी है.
किसान नेता व सहकारिता बैंक के उपाध्यक्ष वीरेंद्र राय ने बताया कि इस बार सुखाड़ के कारण धान की फसल भी अच्छी नहीं हुई है. रबी फसल की बुआई से पहले खेतों के पटवन पर भी खर्च बढ़ गया है. जब किसान खाद खरीदने जाते हैं और उन्हें बढ़ी कीमत के बारे में जानकारी मिलती है, तो उनका बजट फेल हो जा रहा है.
बोचहां के उनसर गांव निवासी किसान बलिराम सिंह ने बताया कि गेहूंं बोने के लिए जब वह खाद खरीदने गये, तो उनका बजट फेल हो गया. घर लौट कर अतिरिक्त पैसे का प्रबंध कर दो दिन बाद खाद खरीद बुआई की. थोक खाद विक्रेता अशोक टायर एजेंसी के प्रोपराइटर संजू हिसारिया ने बताया कि जून-जुलाई से ही खाद की कीमत में वृद्धि शुरू हुई है. जब रैक आती है, तो दाम बढ़ जाता था.
पिछले साल से कीमत काफी बढ़ गयी है. हालांकि अभी खाद की बढ़ी कीमत स्थिर है.आइपीएल कंपनी के मार्केटिंग मैनेजर अंबुज सिंह ने बताया कि पिछले साल अक्तूबर माह में डीएपी की कीमत 1086 रुपये प्रति बोरी थी अभी 1450 रुपये हो गयी है. पोटाश की कीमत पिछले साल अक्तूबर में 620 रुपये प्रति बोरी थी अभी 950 रुपये कीमत हो गयी है. कुछ कंपनियों में डीएपी की कीमत 1500 सौ रुपये भी है.
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