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लगातार बढ़ रहे फाइलेरिया के मरीज, केवल दवा खिलाने तक सिमटा स्वास्थ्य विभाग

जिले में फाइलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन इसे रोकने की जगह केवल मरीजों को दवा खिलाने में ही सिमटा है.

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जिले में हैं फाइलेरिया के कुल 5,525 मरीज, हाथीपांव के 4,666 व हाइड्रोसिल के 859 मरीज

प्रतिनिधि, मुंगेर. जिले में फाइलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन इसे रोकने की जगह केवल मरीजों को दवा खिलाने में ही सिमटा है. हाल यह है कि जहां साल 2024 तक जिले में फाइलेरिया के मरीजों की संख्या 5,400 थी. वहीं 2025 के अप्रैल माह तक ही जिले में फाइलेरिया के मरीजों की संख्या 125 बढ़कर 5,525 हो गयी. इसमें हाथीपांव के 4,666 तथा हाइड्रोसिल के 859 मरीज हैं.

बता दें कि फाइलेरिया बीमारी मुख्यत: मच्छर जनित परजीवी संक्रमण के कारण होता है. जीर्ण संक्रमण से हाथ-पैरों में सूजन, हाइड्रोसिल और वृषण में सूजन हो जाती है. जिसे हाथीपांव व हाइड्रोसिल की बीमारी भी कहा जाता है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिये सबसे अधिक जरूरी है कि मच्छर से बचाव किया जाये. अब ऐसे में मुंगेर में बढ़ रहे फाइलेरिया के मरीजों की संख्या से खुद ही जिले में इस बीमारी की रोकथाम को लेकर प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को समझा जा सकता है.

एक साल में बढ़ गये फाइलेरिया के 125 मरीज

जिले में फाइलेरिया बीमारी इस कदर बढ़ रहा है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में मात्र एक साल में ही फाइलेरिया के 125 मरीज बढ़ गये हैं. साल 2024 में जहां फाइलेरिया के मरीजों की संख्या कुल 5,400 थी. वहीं साल 2025 के अप्रैल माह तक फाइलेरिया मरीजों की संख्या बढ़कर 5,525 हो गयी. इसमें हाथी पांव के कुल 4,666 मरीज हैं, जबकि हाइड्रोसिल के कुल 859 मरीज हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में हाथीपांव के सर्वाधिक मरीज मुंगेर शहरी क्षेत्र में 1,296 हैं. जबकि हाइड्रोसिल बीमारी के सर्वाधिक मरीज भी मुंगेर शहरी क्षेत्र में 331 हैं.

जिले में एक ओर जहां मच्छर के काटने से फाइलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं इससे बचाव के प्रति सजग होने की जगह स्वास्थ्य विभाग मरीजों को दवा खिलाने और चिह्नित करने में ही सिमटा है. जिले में हर साल फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है. जिसमें सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जाती है, लेकिन जिले में बढ़ रहे फाइलेरिया मरीजों के आंकड़े से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की उपलब्धता को खुद ही समझा जा सकता है.

कहते हैं सीएस

सीएस डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया मुख्यत: मच्छर के काटने से होता है. जिसमें मरीज हाथीपांव या हाइड्रोसिल बीमारी से ग्रसित होते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार सर्वजन दवा कार्यक्रम चलाकर लोगों को दवा खिलाया जा रहा है. साथ ही मच्छर से बचाव के लिये सर्वाधिक ग्रसित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है.

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जिले में प्रखंडवार फाइलेरिया मरीजों की संख्या

प्रखंड फाइलेरिया हाथीपांव हाइड्रोसिल

असरगंज 426 380 82

बरियारपुर 402 307 95

धरहरा 369 327 42

खड़गपुर 537 482 55

जमालपुर 358 345 13

मुंगेर सदर 692 609 83

मुंगेर शहरी 1,627 1,296 331

संग्रामपुर 221 193 28

तारापुर 568 517 51

टेटियाबंबर 289 210 79

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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