तारापुर/ बरियारपुर. भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कराकर सटीक, पारदर्शी एवं अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि प्रत्येक पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में शामिल हो सके और अपात्र मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया जा सके. इससे चुनाव में पारदर्शिता आयेगी. इसे कार्य को लेकर शनिवार को तारापुर एवं बरियारपुर में एसडीओ ने बीएलओ के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिये.
मतदाताओं के शहरीकरण, पलायन, मृत्यु की स्थिति में पुनरीक्षण जरूरी
तारापुर एसडीओ राकेश रंजन कुमार ने बताया कि राज्य में पिछली बार यह प्रक्रिया वर्ष 2003 में संपन्न करायी गयी थी. अब एक बार फिर मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाना है. इसे लेकर प्रखंड कार्यालय परिसर में बीडीओ एवं बीएलओ के साथ बैठक कर एसडीओ ने बताया कि बदलते सामाजिक परिदृश्य जैसे शहरीकरण, युवाओं की आयु 18 वर्ष पार करना, पलायन, मृत्यु की जानकारी देर से दर्ज होना तथा अवैध नामों के कारण यह पुनरीक्षण जरूरी हो गया है. इस कार्य के लिए बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म वितरित करेंगे और दस्तावेजों का सत्यापन कर इसीआइनेट पोर्टल पर अपलोड करेंगे. प्रारूप सूची में केवल सत्यापित नाम ही प्रकाशित होंगे. समय पर फॉर्म न भरने वाले मतदाता दावा-आपत्ति अवधि में आवेदन कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1200 से अधिक नहीं होगी और शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा. यह अभियान मतदाता सूची सुधार का औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
घर-घर जाएंगे बीएलओ, मतदाताओं को देंगे गणना प्रपत्र
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची में दर्ज सभी मतदाताओं का सत्यापन किये जाने को लेकर प्रखंड क्षेत्र के सभी बीएलओ की बैठक आंबेडकर भवन में सदर एसडीओ अभिषेक कुमार की अध्यक्षता में हुई. एसडीओ ने बताया कि 1 जुलाई से 26 जुलाई तक चलने वाले विशेष अभियान में बीएलओ मतदाता सूची में दर्ज सभी मतदाताओं के घर जायेंगे और मतदाताओं को गणना प्रपत्र देंगे, जो मतदाता फार्म भरकर जमा करेंगे उसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज किया जायेगा.
विवाहित महिलाओं को सास-ससुर का पहचान के रूप में दस्तावेज नहीं होगा मान्य
एसडीओ ने बताया कि 1 जुलाई 1987 से पूर्व के मतदाताओं एक पहचान देना होगा, जबकि 1 सितंबर 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच के मतदाता को अपना एवं अपने माता या पिता का पहचान पत्र देना है. 2 दिसंबर 2004 के बाद के मतदाताओं को अपना एवं अपने माता व पिता दोनों का पहचान पत्र देना है. नई शादी की हुई महिला अपना व अपने माता-पिता का पहचान देंगे. सास-ससुर का नहीं. फार्म के साथ 11 पहचान को चिह्नित किया गया है. इसमें किसी सरकारी संस्थान में नौकरी करते हैं तो उसका आईडी कार्ड, वृद्धा पेंशनधारी है तो स्वीकृति पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र, आवासीय, जाति, भूमिहीन को मिलने वाला आवासीय पर्चा, आवास योजना का लाभ मिला है तो उसका स्वीकृति पत्र समेत अन्य शामिल है. इसमें कोई एक पहचान पत्र गणना प्रपत्र के साथ देना अनिवार्य है. सभी बीएलओ को निर्धारित समय पर कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया.
मौके पर थे मौजूद
बैठक में बीडीओ श्वेता कुमारी, एमओ सना आलम, बीपीआरओ अर्चना कुमारी, समन्वयक राणा प्रताप सिंह, भावणी भूषण प्रताप सिंह, देवेंद्र कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है