जमालपुर.
आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा हवेली खड़गपुर में आयोजित प्रखंड स्तरीय दो दिवसीय सेमिनार का रविवार को समापन हो गया. मुंडेरी यूनिट में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के प्रशिक्षक इंजीनियर छविनाथ पंडित ने सेमिनार को संबोधित किया. जमालपुर में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के ऑफिस सेक्रेटरी राजेश कुमार ने बताया कि खड़गपुर के सभी आनंद मार्गियों को क्लास लेकर प्रशिक्षित किया गया. जिसमें मानव शरीर एक जैविक यंत्र विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि शरीर, मन और आत्मा शरीर में तीन यंत्र हैं. जो हमारे शरीर के संपूर्ण क्रियाकलापों को सुचारू रूप से संपन्न करती है. हमारे शरीर में ग्रंथियां भी है. जो हॉरमोन सेक्रेशन करता है और वृत्तियों को प्रभावित करती है. आसन और विभिन्न क्रियों द्वारा इस सभी ग्रंथियां को नियंत्रित भी किया जा सकता है. आनंद मार्गियों को बताया गया कि पाप के तीन कारण है. मन, वचन और कर्म से किसी को कष्ट नहीं देना पुण्य का काम है और कष्ट देना ही पाप कहलाता है. पाप और प्रत्यय मिलकर के पातक बनता है. जैसे कि रावण ने सीता का अपहरण किया. साधु के वेश में तो इसका दुष्प्रभाव आज तक कोई भी साधारण स्त्री ग्राम में भी साधु के वेश में देखकर कहती है कहीं यह रावण तो नहीं. रावण का वेश बनाकर हम लोगों को पहचाने तो नहीं आया है. अगर यह साधारण वेश में सीता का अपहरण करते तो उनका पश्चाताप हो सकता था, लेकिन साधू के वेश में वह सदा के लिए साधुओं पर एक प्रश्न चिन्ह लग गया है. तीसरे सत्र में लोगों को प्राण धर्म के बारे में बताया गया. सभी जीवों का सभी वस्तुओं का अपना-अपना धर्म होता है. मनुष्य का धर्म आध्यात्मिक साधना करना, आनंद की प्राप्ति करना उपलब्धि करना और परमात्मा के निकट पहुंच जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

