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4. चिकित्सक ने लिखा हेपेटाइटिस जांच, रिर्पोट में पहले किया निगेटिव, दोबारा हुआ पॉजिटिव

हेपेटाइटिस जांच नहीं, बल्कि हीमोग्लोबिन जांच कर दिया गया है.

सदर अस्पताल में बदहाल पैथोलॉजी जांच :

मुंगेर

सदर अस्पताल में अन्य व्यवस्थाओं के साथ पैथोलॉजी जांच व्यवस्था भी पूरी तरह भगवान भरोसे ही है. हाल यह है कि आये दिन गलत जांच रिर्पोट के कारण मरीजों को न केवल परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि बाहर पैसे खर्च कर अपना जांच करना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही हाल सोमवार को सदर अस्पताल में देखने को मिला. जहां 15 फरवरी शनिवार को जिस मरीज को चिकित्सक द्वारा हेपेटाइटिस जांच लिखा गया. उसे सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केंद्र में हीमोग्लोबिन जांच कर दिया गया और उसके पर्ची पर हेपेटाइटिस निगेटिव लिख दिया गया. वहीं जब मरीज द्वारा बाहर जांच कराया गया तो उसमें रिर्पोट पॉजिटिव पाया गया. हद तो यह है कि इसकी शिकायत जांच केंद्र के कर्मियों को करने के बाद दोबारा जांच में उक्त मरीज हेपेटाइटिस पॉजिटिव हो गया.

सदर अस्पताल के ओपीडी में 15 फरवरी को मुर्गीयाचक निवासी 44 वर्षीय मरीज कफ की शिकायत के बाद इलाज कराने पहुंचा. जिसे चिकित्सक द्वारा हेपेटाइटिस जांच लिखा गया. मरीज ने बताया कि 15 फरवरी को ही उसने अपना ब्लड सैंपल दिया. जिसके बाद शाम को वह रिर्पोट लेने पहुंचा. जहां बताया गया कि उसका हेपेटाइटिस जांच नहीं, बल्कि हीमोग्लोबिन जांच कर दिया गया है. रविवार को उसका रिर्पोट मिल जायेगा. जिसके बाद वह 16 फरवरी रविवार को रिर्पोट लेने पहुंचा. जहां उसे हेपेटाइटिस निगेटिव का रिर्पोट दे दिया गया. इससे संतुष्ट नहीं होने पर उसने प्राइवेट में जांच कराया. जिसमें उसका रिर्पोट पॉजिटिव पाया गया. मरीज ने बताया कि प्राइवेट जांच रिर्पोट लेकर वह सदर अस्पताल पैथोलॉजी पहुंचा. जहां इसकी जानकारी देने के बाद कर्मियों ने उसका दोबारा जांच किया. जिसमें उसका हेपेटाइटिस रिर्पोट पॉजिटिव आया.

हेपेटाइटिस की जगह लिखा था हीमोग्लोबिन जांच

सदर अस्पताल के पैथोलॉजी जांच केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि मरीज का सैंपल लेने के बाद उसपर हेपेटाइटिस जांच की जगह हीमोग्लोबिन जांच लिख दिया गया था. जबकि यह हाल तब है, जब यहां सभी व्यवस्था भव्या एप के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन है. ऐसे में इस प्रकार की गलती होना जांच कर्मियों की लापरवाही को ही दर्शाता है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि पहले जांच में निगेटिव और दोबारा जांच में रिर्पोट पॉजिटिव होना, अस्पताल में मरीजों को मिल रहे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि इस प्रकार की लापरवाही होना बड़ी बात है. मामले की जानकारी ली जायेगी. साथ ही दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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