मुंगेर : सन् 1934 के विनाशकारी भूकंप के बाद नये मास्टर प्लान के तहत मुंगेर शहर को बसाया गया और इस शहर की खुबसूरती चौड़ी सडकें व सड़क के दोनों ओर फुटपाथ बनी. लेकिन आज मुंगेर शहर में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन गयी है. जिसे हटाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. बीच सड़कों पर ठेले वालों का राज है तो शहर के पटेल चौक से लेकर गांधी चौक तक तथा बेकापुर बड़ी बाजार में फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. मुख्य बाजार में जिस प्रकार फुटपाथ पर दुकानें सजती है उससे आम लोग फुटपाथ का उपयोग नहीं कर पाते. शहर की सड़कें सकरी हो गयी है. जिससे बाइक को गुजरने में भी मुश्किल होती है.
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शहर से हटेगा अतिक्रमण, तैयारी आरंभ
मुंगेर : सन् 1934 के विनाशकारी भूकंप के बाद नये मास्टर प्लान के तहत मुंगेर शहर को बसाया गया और इस शहर की खुबसूरती चौड़ी सडकें व सड़क के दोनों ओर फुटपाथ बनी. लेकिन आज मुंगेर शहर में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन गयी है. जिसे हटाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. बीच सड़कों […]
अतिक्रमणकारियों का है सड़कों पर राज
शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर गांधी चौक, गुलजार पोखर रोड से बेकापुर, सितारिया चौक से जुबली बेल चौक, बड़ी बाजार व गोला रोड की सड़क अतिक्रमण की चपेटमें है. सड़क के दोनों ओर ठेले वाले व स्थायी दुकानदारों द्वारा दुकान सजाया जाता है उससे सड़क का अस्तित्व ही खत्म हो गया है. यूं तो मुख्य बाजार में कई स्थानों पर दुकानदार अपने सामने के फुटपाथ पर दुकान का समान सजा देता है तो कई स्थानों पर दुकानदारों द्वारा खुद फुटपाथ दुकान लगाया जाता है. इसके बदले में फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों से निर्धारित राशि भी वसूली जाती है.
सायरन बजा कर निकलते हैं अधिकारी
अतिक्रमणकारियों के कारण अधिकारियों को यदि मुख्य बाजार से गुजरना होता है तो उन्हें अपनी नीली बत्ती के साथ ही सायरन बजानी पड़ती है. ताकि सड़क पर लगाने वाले दुकानदार यह समझे कि अधिकारी गुजर रहे हैं. स्थिति तो यह है कि मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआइजी की गाड़ी मुख्य बाजार से गुजर रहा था. किंतु जब जाम नहीं हटा तो डीआइजी साहब गाड़ी को घुमा कर दूसरे रास्ते से निकलना ही बेहतर समझे. आम लोगों की स्थिति काफी गंभीर है. यदि किसी ने विरोध किया तो मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. अतिक्रमण की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने कार्रवाई का मन बनाया है. इस दिशा में अधिकारियों द्वारा बैठक कर रूपरेखा तैयार की जायेगी.
कहते हैं अधिकारी
नगर आयुक्त डॉ एसके पाठक ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए 28 सितंबर को प्रशासनिक स्तर पर बैठक बुलायी गयी है. जिसमें पूरी रणनीति तय की जायेगी.
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